भिंड/शिवपुरी।मध्य प्रदेश की राजनीति में शायद यह पहली बार होगा जब भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा के आम चुनाव की घोषणा से पहले ही अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की हो वो भी एक दो नहीं बल्कि 39 विधानसभा सीटों पर. पूरी लिस्ट आ चुकी है जिनमें शिवपुरी जिले की पिछोर सीट भी शामिल है, इस विधानसभा सीट से पार्टी ने टिकट उस उम्मीदवार को दिया है, जिसने कुछ समय पहले ही पार्टी की नाक में दम कर दी थी. जिन प्रीतम लोधी लोधी को बीजेपी ने पिछले दिनों निष्काषित किया था, वही प्रीतम अब तीसरी बार पिछोर सीट से भारतीय जनता पार्टी का चेहरा घोषित हुए हैं. लेकिन ये सीट बीते तीन दशक से बीजेपी की पहुंच से बाहर बनी हुई है.
पिछोर सीट पर बीजेपी को चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ सकता है. इसकी बड़ी वजह है 6 बार से पिछोर सीट पर काबिज स्थानीय विधायक के पी सिंह 'कक्काजू' जिन्होंने विधायक रहते बीजेपी के किसी नेता को यहां पनपने नहीं दिया, वहीं इतने समय में लगातार जनता के दिलों में अपनी पैठ जमा चुके प्रीतम लोधी को बीजेपी तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारने जा रही है. नाम फाइनल हो चुका है और सूची में प्रीतम लोधी के नाम पर मोहर भी लग चुकी है.
इस वजह से प्रीतम लोधी को तीसरी बार मिला टिकट:पिछोर विधानसभा सीट बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि ये कांग्रेस का अभेद किला है. बीते 6 विधानसभा चुनाव से यहां कांग्रेस के क्षत्रप कहे जाने वाले पूर्व मंत्री केपी सिंह 'कक्काजू' का राज है, लेकिन प्रीतम लोधी इस क्षेत्र से एक मात्र दावेदार हैं. यहां से बीजेपी के पास कोई विकल्प उपलब्ध ही नहीं है, जो कांग्रेस के केपी सिंह के आगे खड़ा हो सके. वहीं प्रीतम लोधी ने बीते दो चुनाव में सेंध लगाते हुए जीत हार में वोटों का अंतर कम किया है, जहां 1998 में केपी सिंह 20 हजार और 2003 में 16 हजार वोट के अंतर से जीते थे. वहीं 2013 में प्रीतम लोधी की बदौलत यह अंतर महज 7113 मतों का था, 2018 के चुनाव में तो ये 2675 पर सिमट गया था. ऐसे में जिन मुद्दों पर बीजेपी कमजोर थी, उन पर काम कर स्थिति में सुधार का काम हुआ है और इस तीसरे प्रयास में बीजेपी को पिछोर पर फतह की उम्मीद है. तीसरा फैक्टर जातिगत समीकरण का भी है पिछोर विधानसभा सीट पर जीत हार तय करने वाले लोधी समाज के वोटर हैं, ऐसे में बीजेपी द्वारा लोधी समाज से कैंडिडेट को टिकट देना फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
प्रीतम लोधी पर भरोसे की वजह:पिछोर क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी प्रीतम लोधी ऐसा नाम है, जिसके बारे में प्रदेश में शायद ही कोई ऐसा होगा. जिसने यह नाम ना सुना हो एक तो वे पूर्व सीएम उमा भारती के मुंह बोले भाई हैं, उमा भारती के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही प्रीतम लोधी की राजनीति तेजी से आगे बढ़ी थी. वर्तमान में बीजेपी के पास प्रीतम लोधी के सिवा कोई विकल्प नहीं, वहीं भरोसे की दूसरी बड़ी वजह लोधी वोटर. क्योंकि निर्णायक भूमिका में रहने वाले लोधी समाज के पीछोर विधानसभा क्षेत्र में करीब 50 हजार वोटर हैं, जो सिर्फ अपने समाज के कैंडिडेट के लिए ही मतदान करता है. इनके साथ ही 20 हजार से ज्यादा यादव वोटर भी हैं.