शिवपुरी:लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार को शिवपुरी तहसील के चिटौरा गांव की 91.50 हेक्टेयर जमीन को फर्जी नामांतरण मानकर तत्कालीन एसडीएम सहित नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. हालांकि ग्वालियर कमिश्नर द्वारा पिछले साल कराई गई जांच में उक्त जमीन निजी पाई गई थी. लोकायुक्त ने कार्रवाई कर ग्वालियर कमिश्नर की जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
इन अधिकारियों पर केस दर्ज
जमीन का गलत नामांतरण मानकर लोकायुक्त पुलिस ने तत्कालीन शिवपुरी एसडीएम प्रदीप सिंह तोमर, तत्कालीन तहसीलदार रोहित रघुवंशी, वरिष्ठ उप पंजीयक अशोक महेंद्र सिंह कौरव, तीन नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी अमृता शर्मा और जमीन विक्रेता सतेंद्र सेंगर पर केस दर्ज किया है.
स्थानीय शख्स ने की थी शिकायत
विवादित जमीन पर नेशनल पार्क और वन विभाग अपना दावा पेश कर रहे थे. जबकि लोकायुक्त में स्थानीय व्यक्ति द्वारा शिकायत की गई थी, हालांकि लोकायुक्त की इस कार्रवाई को लेकर राजस्व अधिकारी कोर्ट में चुनौती देने की बात कह रहे हैं.
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लोकायुक्त ने कमिश्नर के आदेश पर खड़े किए सवाल
तत्कालीन ग्वालियर कमिश्नर एमबी ओझा ने 13 जनवरी 2020 को जांच प्रतिवेदन पर आदेश दिया है, जिसमें कहा गया है कि चिटौरा के सर्वे क्रमांक 1225 जिसका बंदोबस्त पूर्व सर्वे क्रमांक 470 रकवा 91.50 हेक्टेयर पर दर्ज है, जो साल 1972-73 में कोमल सिंह पुत्र सरदार सिंह राजपूत मुढ़ेरी के नाम से भूमि स्वामित्व पर दर्ज है. उक्त सर्वे क्रमांक साल 1972-73 के अभिलेख अनुसार सर्वे क्रमांक 404, 405, 488 से निर्मित है.
राजा साहब गंगासिंह के नाम पर है जमीन
चिटौरा गांव के अभिलेख वर्ष 1950-51 के मुताबिक ये जमीन राजा साहब गंगा सिंह के नाम दर्ज है. साल 1950-51 से पूर्व का अभिलेख जिला रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध नहीं है. गठित जांच समिति द्वारा जांच में पाया कि वर्तमान में शासकीय अभिलेख में खसरा वर्ष 2019 में ग्राम चिटौरा के नक्शे में सर्वे क्रमांक 1225 भूमिस्वामी की भूमि दर्ज है. उक्त भूमि वन विभाग की नहीं है और ना ही वन विभाग अपने स्वामित्व के संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत कर पाया है.