शिवपुरी। शहर के वकीलों की आर्थिक स्थिति खराब है. ये सब देखते हुए शहर के सभी वकीलों ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, जब से लॉकडाउन हुआ है तब से वकीलों की स्थिति दयनीय हो गई है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे वकील अब आर्थिक सहायता की गुहार लगा रहे हैं.
लॉकडाउन में वकीलों की माली हालत खराब, सरकार से लगा रहे मदद की गुहार - lawyers facing financial crises due to lockdown
लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी से गुजर रहे वकीलों ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आर्थिक मदद की मांग की है.
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वकीलों का कहना है कि एडवोकेट एक्ट में लिखा है कि वकील सिर्फ वकालत ही कर सकते हैं और दूसरा कोई काम नहीं कर सकते. ऐसे में बीते चार महीनों से लॉकडाउन के चलते न्यायालय बंद हैं. जिससे कोई कमाई भी नहीं हुई, जिससे उनकी स्थिति बहुत दयनीय हो गई है और अपने परिवार का पालन-पोषण करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. आर्थिक तंगी से परेशान दिल्ली के एक वकील ने आत्महत्या भी कर ली थी.
वकीलों का कहना है कि जो केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ का पैकेज जारी किया था, उसमें से वकीलों को कुछ भी नहीं मिला है. अब वकील चाहते हैं कि उनको एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए या फिर बिना ब्याज के एक लाख रुपए का लोन दिया जाए, जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें.