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ज्योतिरादित्य के करीबी को बीजेपी ने सिंधिया के खिलाफ बनाया उम्मीदवार, कार्यकर्ता खुश - shivraj singh

62 सालों से राजघराने के दबदबे वाली गुना सीट पर बीजेपी ने स्थानीय नेता व ज्योतिरादित्य के करीबी रहे केपी यादव को प्रत्याशी बनाया है, पिछले विधानसभा चुनाव से पहले यादव कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे, बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी केपी यादव को उम्मीदवार बनाया है.

केपी यादव, बीजेपी प्रत्याशी गुना

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Published : Apr 17, 2019, 6:23 PM IST

अशोकनगर। गुना लोकसभा सीट से बीजेपी ने अशोक नगर निवासी डॉक्टर केपी यादव को प्रत्याशी बनाया है. जिसके बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा है. उनके आवास पर पहुंचकर बीजेपी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने मालाएं पहनाकर स्वागत किया. लंबे समय से गुना शिवपुरी सीट से बीजेपी प्रत्याशी के नाम की घोषणा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी थी, अब देखना ये है कि बीजेपी प्रत्याशी केपी यादव किस तरह सिंधिया को शिकस्त दे पाते हैं.

केपी यादव, बीजेपी प्रत्याशी गुना

उन्होंने बताया कि उनकी प्लानिंग काफी पहले से चल रही थी और इस सीट पर विजय बीजेपी की होगी. केपी यादव क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और इनके परिवार के कई लोग राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं. अशोकनगर जिले में आने वाले करीला धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष भी इन्हीं के भाई हैं. जिसके चलते क्षेत्र में उनका अच्छा खासा प्रभाव है. कुछ ही दिन पहले विधानसभा चुनाव में इन्हें बीजेपी प्रत्याशी बनाया गया था और इस बार गुना लोकसभा संसदीय क्षेत्र से भी प्रत्याशी के रूप में दूसरी बार पार्टी ने मौका दिया है.

गुना लोकसभा क्षेत्र में 62 वर्षों से सिंधिया राजघराने का दबदबा माना जाता है. इस सीट पर पूर्व में भी के सिंधिया परिवार के विरोध में बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके. इस बार भी गुना से कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदवार बनाया है. सिंधिया साल 2000 से लगातार गुना का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

गुना-शिवपुरी सीट से बीजेपी के प्रत्याशी केपी यादव कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बहुत करीबी माने जाते हैं, लेकिन पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने केपी यादव को टिकट नहीं दिया था, जिसके चलते वह कांग्रेस छोड़ भाजपाई खेमे में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने उन्हें मुंगावली विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था, जिसमें वह कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह से लगभग 2000 वोटों से हार गए थे. इस बार भी तमाम अटकलों के बाद भी बीजेपी ने उन्हें मौका दिया है, जबिक दो दिन पूर्व स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने केपी यादव का विरोध किया था.

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