शिवपुरी।कोरोना महामारी की वजह से गंभीर मरीजों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. बुधवार-गुरुवार की रात पांच और कोरोना मरीजों की जान चली गई. 22 दिन के भीतर 30 कोरोना मरीजों की जान जा चुकी है. मौत के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए पॉलिथिन में पैक करके दिया जाता है जिसके कारण शव की पहचान करने में मुश्किल हो जाता है. शव की पहचान ना होना, किसी ओर के शव को अपने परिवार के सदस्य का शव समझ लेना इस तरह की घटनाएं जिले में होने लगी है.
- शव को पहचानने में हो रही परेशानी
दरअसल गुरुवार काे जिला अस्पताल में तीनों शव पॉलीथिन में पैक कर दिए और नगर पालिका की गाड़ी अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम लेकर आ गई. पॉलीथिन की वजह से समझ नहीं आया कि शव किसका है. शव को अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम ले जाया गया. अंत्येष्टि कराने के लिए मृतकों के परिजन ने शव की अंत्येष्टी के लिए अंतिम दर्शन किए तो शव पुरुष की बजाय महिला का निकला. जिसके बाद परिजन ने सही शव को लेकर अंतिम संस्कार किया.
- दस घंटे में एक-एक करके गई गंभीर मरीजों की जान
बुधवार की रात 8 बजे सुखवती दुबे निवासी बदरवास और मुन्नालाल गुप्ता निवासी बैराड की मौत हो गई. दोनों मौतें चंद मिनिट के अंतराल से जिला अस्पताल के कोविड आईसीयू में हुई. बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात 1 बजे संतो यादव निवासी अहीर मौहल्ला पुरानी शिवपुरी ने मेडिकल काॅलेज के अपग्रेटेड कोविड आईसीयू में दम तोड़ दिया. जिला अस्पताल में तीसरे मरीज हरिओम निवासी फतेहपुर की सांसें रात 2 बजे थम गईं. वहीं कॉलेज के कोविड आईसीयू में दूसरी मौत मीना शर्मा निवासी करैरा की सुबह 6 बजे हुई.