शिवपुरी। जिले की करैरा तहसील के किसानों ने शनिवार को करैरा-भितरवार मार्ग पर गड्ढों में तब्दील हुई, सड़क को लेकर अनोखे अंदाज में विरोध जताया, इस दौरान किसानों ने छितरी-भितरवार तिराहे पर स्थित सड़क पर हुए गड्ढों में धान बोकर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों का कहना था कि विधानसभा चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों ने इस खस्ता सड़क की हालत सुधारने को लेकर लुभावने वादे किए थे, लेकिन अभी तक सड़क की हालत जस की तस बनी हुई है. अब यहां के जनप्रतिनिधि आने वाले उप-चुनाव को लेकर फिर से सक्रिय हो गए हैं, ऐसे में इस बार अब इन जनप्रतिनिधियों को जनता सबक सिखाएगी.
गड्ढों में तब्दील हुई करैरा-भितरवार रोड, सड़क पर धान लगाकर किया प्रदर्शन - Protest of farmers in Shivpuri
शिवपुरी जिले के करैरा तहसील में करैरा-भितरवार मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गई है, जिसके चलते ग्रामीणों ने अनोखे अंदाज में उन गड्ढों में धान बोकर इस खस्ताहाल सड़क का विरोध किया.
अभयारण्य मुक्ति मोर्चा के सदस्यों का कहना है कि उप-चुनाव आते ही दावेदारी करने वाले नेता फिर से क्षेत्र में अपनी आमद दर्ज कर लुभावने वादे करने लगे हैं, लेकिन इन नेताओं को क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है. करैरा विधानसभा में करैरा से भितरवार की दूरी महज 45 किलोमीटर है, लेकिन बदहाल सड़क होने की वजह से यह दूरी तय करने में तीन घंटे का समय लग रहा है. इसकी वजह गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़क है. आए दिन राहगीर इन गहरे गड्ढों में गिरकर चोटिल हो रहे हैं. बरसात के समय में यह सड़क दलदल में तब्दील हो गई है, जहां सड़क हादसों में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
इस विरोध प्रदर्शन में 32 गांव के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया, इस मौके पर श्रीनिवास रावत एडवोकेट, अशोक रावत, केशव पाल, बलबीर सिंह रावत, उम्मीद सिंह रावत, जितेंद्र रावत, आशीष सेन, नीरज शर्मा, नरेंद्र रावत, अशोक भार्गव, सुनील रावत, विशाल रावत, राजीव रावत, द्वारका विश्वकर्मा, विनोद तिवारी, रामेश्वर रावत, अजय रावत, ओमप्रकाश रावत, जितेंद्र रावत, दिलशान रावत, शिवम पांडे, अरविंद जैन, नरेंद्र सोलंकी, शिवम सोलंकी, कपिल दुबे, विनय पांडे, राहुल पांडे, मोहन स्वरूप शर्मा, अभिषेक सेन, धनीराम साहू, अजमेर सिंह रावत, रामबरन गुर्जर, गोपाल सिंह गुर्जर, अशोक रावत, विशाल वेरखेडा, प्रशांत गुर्जर, दुर्ग सिंह सिकरवार, प्रेमसिंह जाटव, जारसिंह बंशकार, धर्मेंद्र कोली, मुकेश गुप्ता, पातीराम परिहार, राम किशन परिहार मुढैनी, लाखनसिंह नैनागिर, श्रीपाल सिंह सोलंकी, लालसिंह दाऊ बरुआ आदि मौजूद रहे.