शिवपुरी।एमपी में एक किसान को गौसेवा का ऐसा जुनून चढ़ा की उसने अपनी कार को ही गौ-एम्बुलेंस में तब्दील कर दिया. किसान का यह गौ प्रेम देख लोग हैरान हैं और इसकी चर्चा दूर दूर तक होने लगी है. जो भी शख्स उनकी कार को देखता है तो बस अचरज भरी निगाहों से देखता ही रह जाता है. कार में सवार गाय और तिमारदारी में जुटे लोग, ऐसे दृष्य को देख लोग फटाफट सेल्फी लेने लग जाते हैं. शिवपुरी के कोलारस विधानसभा क्षेत्र के गांव लुकवासा में देवेंद्र रघुवंशी नाम के किसान ने गौसेवा के लिए अपनी कीमती कार को एबुलेंस बना दिया है. मध्यप्रदेश में 12 मई शुक्रवार से गाय और अन्य पशुओं के लिए एंबुलेंस सेवा शुरू की गई है, लेकिन किसान इससे पहले ही इस तरह के कामों से जुड़े हैं.
मध्य प्रदेश का अनूठा गौ-प्रेमी, लाखों रुपए की कार को मोडिफाई कर बना डाला Cow Ambulance, देखें वीडियो - shivpuri farmer modified maruti car in ambulance
एमपी के शिवपुरी में बीमार गाय को समुचित चिकित्सीय सुविधा देने के लिए एक किसान ने अपनी कार को विशेष तौर पर मोडिफाई कर काऊ एंबुलेंस में तब्दील कर दिया.
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कार को मोडिफाई कर बनाया गाय माता एबुलेंस: देवेंद्र रघुवंशी लुकवासा के एक पारंपरिक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनका माली हालत भी ठीक है. बताया जाता है कि वह पिछले कई सालों से गौ सेवा करते आ रहे हैं. हाईवे पर या कहीं भी घायल अवस्था में गाय की जानकारी जैसे ही उन्हें मिलती है तो वह तत्काल अपनी कार और टीम के साथ निकल पड़ते हैं जानवर का रेस्क्यू करने. सबसे पहले घायल गाय का स्वयं प्राथमिक उपचार करते हैं, इसके बाद वह पशु चिकित्सक के पास अपनी कार से गाय को इलाज के लिए ले जाते हैं.
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गाय के लिए कार की सीट भी हटाई: देवेंद्र रघुवंशी ने बताया कि पहले वह अपनी बाइक से गायों का इलाज और देखभाल करने के लिए जाते थे. लेकिन बाइक से गायों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना आसान नहीं था. इसके बाद उन्होंने अपनी कार की सीट हटाई और उसे गायों को लाने ले जाने के लिए मोडिफाई किया. किसान के कार में हमेशा गाय के इलाज के लिए संबंधित मेडिकल किट, प्राथमिक दवाईयां रखी रहती हैं. देवेन्द्र रघुवंशी ने बातचीत में कहा कि "15 दिन पहले एक गाय का बछड़ा किसी हादसे में जख्मी हो गया था. इस दौरान 15 दिनों तक मैंने बछड़े की देखभाल की. शुक्रवार को खुद अपनी कार से उसको सेसई गौशाला छोड़कर आया. मुझे गौ सेवा करने से बेहद सुकून मिलता है. मेरा परिवार भी इस काम में भरपूर साथ देता है."