शिवपुरी। कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया गुरुवार को अधिकारियों के साथ पोहरी विधानसभा के दौरे पर पहुंची. उन्होंने बैराड़ में बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों के लिए गर्ल्स हॉस्टल में बनाए गए आपदा केंद्र का निरीक्षण किया. मंत्री ने बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों का हालचाल जाना और प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के लिए आपदा केंद्र में की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
शिवराज के अफसरों का तमाशा! मंत्री को दिखाने के लिए जुटाई भीड़, जाते ही बाढ़ आपदा केन्द्र खाली - शिवपुरी समाचार
मध्य प्रदेश में रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश के कारण शिवपुरी जिले के अधिकतर गांव जलमग्न हो गए हैं. इस बीच कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया गुरुवार को अधिकारियों के साथ पोहरी विधानसभा के दौरे पर पहुंची. यहां मंत्री के निरीक्षण के बाद आपदा केंद्र खाली हो गया.
मंत्री ने किया आपदा केंद्र का दौरा
मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को प्रशासन द्वारा बनाए गए इस आपदा केंद्र में कई अव्यवस्थाएं नजर आई. बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के लिए बनाए गए आपदा केंद्र के कमरों में बारिश का पानी टपक रहा था. कई कमरों के पंखें बंद पड़े हुए थे. वहीं कई ग्रामीणों ने खाना और इलाज नहीं मिलने की शिकायत भी मंत्री से की है. ग्रामीणों ने बताया कि लगातार पानी में रहने से हाथ पैर की उंगलियों में खरा रोग हो गया है. उसके बाद भी अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं कराया गया है. इस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए मौके पर ही जिम्मेदार अधिकारियों से व्यवस्था में सुधार करने के निर्देश दिए हैं.
बैराड़ तहसील क्षेत्र में पार्वती नदी के किनारे बसे आधा दर्जन से अधिक गांव पार्वती नदी में आए सैलाव से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हर्रई, बरखेड़ी, गौंदोलीपुरा, रायपुर, कुपेड़ा और सिलपुरा के ग्रामीण हैं. प्रशासन द्वारा बैराड़ में कस्तूरबा गांधी गर्ल्स हॉस्टल में बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के लिए आपदा केंद्र बनाया गया. जिसका गुरूवार की शाम कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने निरीक्षण किया.
मंत्री के जाते ही खाली कराया केंद्र
मंत्री के निरीक्षण की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन खानापूर्ति में जुट गया. मंत्री को दिखाने के लिए बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को आपदा केंद्र में इकट्ठा कर दिया. वहीं मंत्री के निरीक्षण के बाद आपदा केंद्र खाली हो गया. इस बारे में बैराड़ नगर परिषद के सीएमओ अजीज खान के बयान ने प्रशासन के दावों की कलई खोल कर रख दी. उन्होंने बताया कि सुबह तक आपदा केंद्र में 30 बाढ़ प्रभावित ग्रामीण रुके हुए थे. मंत्री के दौरे की सूचना सुनकर 50 लोग और आ गए, जो मंत्री के निरीक्षण के बाद बैराड़ में अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं.