श्योपुर। लॉकडाउन को लेकर सरकार के द्वारा कई दावे और वादे तो किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर देखा जाए तो जो गरीब परिवार सुबह से शाम तक मजदूरी करके अपना भरण-पोषण करते थे उन परिवारों को लॉकडाउन के चलते मजदूरी न मिलने के कारण स्थिति ऐसी बन गई है कि भूखा मरने की कगार पर आ खड़े हो गए.
लॉकडाउन में खाने को तरस रहे मजदूर, नहीं मिल रही सरकारी मदद
लॉकडाउन में कई मजदूर परिवार अपना पेट भरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, सरकार के द्वारा दी जाने वाली राशन सामग्री भी उनको नहीं मिल पा रही है.
श्योपुर जिलो की ब्लॉक कॉलोनी में गरीब परिवार की महिलाएं सुबह से शाम तक शहर में ठेला घुमाकर या मजदूरी करके अपने परिवार को पाल रहीं थीं वहीं लॉकडाउन के चलते उनका धंधा पूर्ण रूप से बंद हो जाने के कारण काफी परेशान नजर आ रहे हैं. सरकार द्वारा जो गरीब और दिहाड़ी मजदूरों को राशन दिया जा रहा था वो भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है.
महिलाओं के द्वारा महिला बाल विकास कार्यालय के सामने घंटों इंतजार करने के बाद भी कोई सुध लेने वाला नजर नहीं आया. ऐसे में महिलाओं का कहना है कि लॉकडाउन के कारण हमारा धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया है. ऐसे में हम अपने परिवार की गुजर नहीं कर पा रहे हैं और शासन हमारी कोई सुन नहीं रहा है और हमारा परिवार इस समय भूखा बैठा हुआ है किसी भी प्रकार का हमें शासन के द्वारा राहत नहीं मिल रही है.