श्योपुर।देश को आजादी मिले 74 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आज भी प्रदेश में ऐसे गांव है जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. हम बात कर रहे है श्योपुर जिले का ढेंगदा गांव की. इस गांव के निवासी आज भी बिजली, पानी और सड़क जैसी सुविधाओं के लिए जूझ रहे है. आधुनिकता के इस दौर में बिजली ना मिल पाना अपने आप में बढ़ी समस्या है. ऐसा नहीं है कि सरकार इस गांव के लिए योजनाएं नहीं बनाती. सरकार योजनाएं तो बनाती है, लेकिन वह योजना रास्ते में ही भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जाती है. भ्रष्टाचार के कारण इस गांव की स्थिति वैसी ही है जैसी आजादी के पहले थी.
अंधेरे में रहने के लिए मजबूर ग्रामीण
ढेंगदा गांव में रहने वाले ग्रामीण बताते है कि इस गांव में बिजली, पानी और सड़क की सुविधाएं नहीं है. कई बार इसे लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे, लेकिन हालात जस की तस बने हुए है. गांव में रहने वाले परसु आदिवासी बताते है कि हमें आज भी मूलभूत सुविधाओं से जूझना पड़ रहा है. बिजली के खंभे तो लगे है लेकिन बिजली नहीं आती है. गांव में पीने के पानी की भी समस्या है. पूरे गांव में एक हैंडपंप नहीं है. ग्रामीणों को पानी के लिए मीलों दूर जाना पड़ता है. कभी कभार तो नदी का गंदा पानी भी पीना पड़ता है.
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कीचड़ से सनी रहती है सड़कें