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Sheopur Malnutrition: सवालों में महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़े, जिले में कुपोषण का ग्राफ तेजी से बढ़ा - श्योपुर कुपोषण

श्योपुर जिले में अभी भी कुपोषण के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि,महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी कागजी आंकड़ेबाजी में जिले से कुपोषण का ग्राफ बेहद कम होने का दावा कर रहे हैं. ताजा मामला कराहल और विजयपुर में सामने आया है. (Sheopur Malnutrition)(Malnutrition cases still on rise)

Sheopur Malnutrition cases still on rise health department data questioned
श्योपुर में कुपोषण का ग्राफ तेजी से बढ़ा

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Published : Oct 5, 2022, 6:26 PM IST

Updated : Oct 5, 2022, 9:37 PM IST

श्योपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी कागजी आंकड़ेबाजी में जिले से कुपोषण का ग्राफ बेहद कम होने का दावा कर रहे हैं लेकिन, हकीकत यह है कि कुपोषण का ग्राफ कम होने के बजाय तेजी के साथ बढ़ रहा है. महिला एवं बाल विकास विभाग के दावों की पोल खोल रहा है कराहल और विजयपुर का इलाका जहां 150 से ज्यादा आदिवासी समाज के गांवों में शायद ही ऐसा कोई गांव होगा जहां कुपोषित बच्चे न हों. यहां गंभीर कुपोषित बच्चों की भी कमी नहीं है.

श्योपुर में कुपोषण का ग्राफ तेजी से बढ़ा

ईटीवी भारत की टीम ने लिया जायजा:ईटीवी भारत की टीम ने विजयपुर इलाके के गोलीपुरा, पैरा और लखनपुरा में पहुंचकर हालात देखे तो वहां 12 से ज्यादा बच्चे कुपोषित और 4 बच्चे गंभीर कुपोषित मिले. गोलीपुरा गांव निवासी महिला लक्ष्मी आदिवासी से जब पूछा गया कि आपका बच्चा अति कुपोषित है तो वह बोलीं कि " क्या करें साहब कोई देखने ही नहीं आता, न तो आंगनबाड़ी वाले आते हैं और न ही अधिकारी, अस्पताल में दिखा लिया लेकिन, कोई आराम नहीं मिला." वहीं जिम्मेदार अधिकारी हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए हैं. अगर इन बच्चों की अनदेखी की जाती रही, तो यह कभी भी काल के गाल में समा सकते हैं.

श्योपुर के माथे से नहीं मिट रहा कुपोषण का कंलक! देखिए रिपोर्ट

पिछले महीने कुपोषण से हुई थी मौत:आपको बता दें कि, पिछले महीने जिला मुख्यालय से सटे हुए रामपुरा गांव की बालिका गुड़िया आदिवासी की कुपोषण के चलते मौत हो गई थी. सीएमएचओ डॉ. बीएल यादव ने मृत बच्ची को कुपोषित की श्रेणी में माना था. इससे पहले भी तमाम कुपोषित बच्चों को कुपोषण अपना निवाला बना चुका है. हालातों को देखते हुए गंभीर कुपोषित बच्चों को तत्काल एनआरसी केंद्रों में भर्ती करवा कर उनका उपचार शुरू कराया जाना चाहिए लेकिन, जिम्मेदारों को कागजों में कुपोषण कम करने की वाहवाही लूटने और दफ्तरों से बाहर निकलने की फुर्सत नहीं है.

विजयपुर के गोलीपुरा गांव में हैं कुपोषित बच्चे:इसी तरह से विजयपुर के गोलीपुरा गांव में दो साल का मासूम कायराव आदिवासी, अभिनीत और भूरा आदिवासी सहित तमाम बच्चे जिंदगी और मौत से जंग लड़ने को मजबूर हैं. कुपोषण ने उनके शरीर से मास को तो लगभग निगल ही लिया है. अब धीरे- धीरे बच्चों का दम घुट रहा है. हर सांस पर उनकी पीड़ा सुनाई देने लगी है लेकिन, जिम्मेदारों की नींद कब टूटेगी और कब इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रों में भर्ती कराया जाएगा यह देखने वाली बात होगी क्योंकि, इन्हें जल्द ही इलाज और देखरेख में समुचित पोषण आहार नहीं दिया गया तो यह बच्चे भी काल के गाल में समा जाएंगे. महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार नहीं है. विजयपुर विकासखंड क्षेत्र के बीएमओ सुनील यादव का कहना है कि, बच्चे कुपोषित हैं एनआरसी केंद्र में आने वाले बच्चों का उपचार व देखरेख की जा रही है. (Sheopur Malnutrition)(Malnutrition cases still on rise)

Last Updated : Oct 5, 2022, 9:37 PM IST

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