श्योपुर।जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से ठीक पहले लापता हुए दो जिला पंचायत सदस्यों में से एक सदस्य 2 दिन बाद शनिवार की सुबह घर वापस लौटे. उन्होंने खुद को अज्ञात लोगों द्वारा कमरे में बंद किए जाने की बात मीडिया को बताई. उनका कहना है कि, वह कहीं कमरे में बंद थे. इसलिए चुनाव में शामिल नहीं हो सके. उन्होंने अपहरण के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि, मेरी पार्टी के लोग मेरा अपहरण नहीं कर सकते.
समझें पूरा मामला:हाल ही में सम्पन्न हुए जिला पंचायत सदस्यों के निर्वाचन के बाद, जिला अध्यक्ष पद के लिए जोड़-तोड़ शुरू हुई. जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियां अपने-अपने समर्थकों के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही थीं. जिला अध्यक्ष के लिए 29 जुलाई को सदस्यों के माध्यम से निर्वाचन की प्रक्रिया सम्पन्न होने से ठीक एक दिन पहले श्योपुर जिले के जिला पंचायत सदस्य संदीप शाक्य और गिरधारीलाल बैरवा मुरैना जिले के कैलारस कस्बे से अचानक गायब हो गए थे. जिला पंचायत सदस्यों के गायब होने पर कांग्रेस नेता एसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए थे.
कांग्रेस ने पुलिस पर लगाया था अपहरण का आरोप:कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने पुलिस अधीक्षक से चर्चा के दौरान कहा था कि जिला पंचायत सदस्य संदीप शाक्य और गिरधारी लाल बैरवा समेत 3 लोग गुरुवार की दोपहर मुरैना से श्योपुर जा रहे थे. जौरा-कैलारस के बीच सिकरौदा में पुलिस की 6 गाड़ियों में सवार सब इंस्पेक्टरों समेत 30 सिपाही-हवलदारों ने संदीप शाक्य और गिरधारी लाल बैरवा को अगवा कर लिया. पुलिस के पास गिरधारी लाल बैरवा का फोटो था और सायबर सेल से बैरवा की लोकेशन ट्रैस की गई. कांग्रेस विधायक राकेश मावई, रवीन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा, बैजनाथ कुशवाह, अजब सिंह कुशवाह ने एसपी से कहा था कि अपहृत जिपं सदस्यों को रिहा कराया जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो. एसपी ने विधायकों से कहा था कि वह अपना आवेदन दे दें, जांच करा लेते हैं जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई करेंगें.