श्योपुर। प्रसूता के परिजनों ने सरकारी अस्पताल की नर्स और डॉक्टरों पर बच्चा बदलने का आरोप लगाया है. परिजनों ने इसको लेकर जोरदार हंगामा भी किया और डीएनए टेस्ट के बाद ही एसएनसीयू वार्ड से बच्ची को लेने की बात कही. वहीं जिला अस्पताल प्रबंधन ने इस तरीके की कोई घटना न होने की बात कहकर मामले में सफाई दी जा रही है.
श्योपुर जिला अस्पताल की नर्स पर बच्चा बदलने का आरोप, प्रसूता के परिजनों ने की डीएनए टेस्ट की मांग - डीएनए टेस्ट की मांग
श्योपुर जिला अस्पताल में प्रसूता के परिजनों ने नर्स और डॉक्टरों पर बच्चा बदलने का आरोप लगाया है. इस मामले में परिजनों हंगामा किया. मामला बढ़ता देख विधायक बाबू जांडेल मौके पर पहुंचे और डीएनए टेस्ट की बात कही है.
मामला जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड का है. बताया जा रहा है कि, शंकुतला बाई निवासी रिझेंटा को 1 दिसंबर को दोपहर करीब साढ़े 11 बजे प्रसव होने के बाद नर्सों के द्वारा बेटा होना बताया गया था लेकिन, नवजात की तबियत बिगड़ने की वजह से उसे तत्काल अस्पताल स्टाफ के द्वारा एसएनसीयू वार्ड में भर्ती करवा दिया गया. परिजनों का कहना है कि अब 4 दिन गुजर जाने के बाद अस्पताल स्टाफ के लोग उसे बेटी लौटा रहे हैं।. जिसे महिला और उसके परिजनों ने लेने से इनकार कर दिया है. अब महिला और उसके परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ पर बच्चा बदल बदलने के आरोप लगाकर डीएनए टेस्ट कराने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि, अस्पताल स्टाफ ने बच्चा बदल दिया है उनका बेटा हुआ था लेकिन, वह उन्हें बेटी लौटा रहे हैं और हमारी बहु को पागल बता रहे हैं.
वही मौके पर पहुंचे विधायक बाबू जांडेल का कहना है कि इस तरीके से अगर जिला अस्पताल में बच्चा बदला जाता है तो यह मामला गंभीर है. इस पर हम सख्त कार्रवाई करेंगे. बच्चे का डीएनए टेस्ट कराए जाने का मुझे सीएमएचओ ने आश्वासन दिया है. वहीं सीएमएचओ बीएल यादव का कहना है कि महिला के परिजन गलत आरोप लगा रहे हैं. जिला अस्पताल में इस तरह का काम बिल्कुल नहीं होता और ना ही पूर्व में इस तरीके की कोई घटना घटित हुई है.