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चंबल और पार्वती नदियां खतरे के निशान से ऊपर,कई गांवों में बाढ़ के हालात, राहत कार्य के लिए बुलाई गई सेना

श्योपुर के पार्वती और चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर हैं. जिसके बाद आसपास के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. वहीं ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीण इलाकों में बाढ़

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Published : Sep 17, 2019, 6:22 AM IST

श्योपुर। चम्बल में कई दशकों बाद बाढ़ जैसे हालात देखने को मिले हैं. राजस्थान के कोटा बैराज से करीब 8 लाख क्यूसेक पानी छोडे जाने के बाद श्योपुर की चम्बल और पार्वती नदियां खतरे के निशान को पार कर गई है.

राहत कार्य के लिए सेना को बुलाया


सबसे ज्यादा हालात चम्बल नदी के किनारे बसे 20 से ज्यादा गांवों का है. जो पूरी तरह से बाढ में घिरे हैं. यही वजह है कि जिला प्रशासन ने अब राहत कार्यों के लिए सेना को भी बुलाया गया है. वहीं पार्वती और चम्बल नदी उफान पर आने की वजह से दो दिन से आवागमन प्रभावित हो रहा है. चम्बल नदी में उफान के चलते जिले की मुदाला का पाड़ा साडा का पाड़ा, कीरपुरा, तलावड़ा, सामरसा सूड़ी सांड बीते दो दिन से टापू बने हुए है.


जिसके चलते गांव की लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे, हालांकि प्रशासन ने रेस्क्यू कर लोगों को बाहर निकाला है. वहीं बाढ के हालात का जायजा लेने स्थानीय विधायक बाबू जंडेल भी लगातार मैदान में हैं. विधायक का कहना है कि हालात नियंत्रण में हैं. सरकार से बाढ प्रभावितों को उचित मुआवजा दिलाया जाएगा. बता दें कि बीते दो दिनों से चम्बल नदी में आये उफान से श्योपुर सवाई माधोपुर स्टेट हाइवे बंद हैं.

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