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श्योपुर में किसान सम्मेलन का विरोध, प्रदर्शनकारी ने कहा-'किसानों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही बीजेपी' - Opposition to farmers conference

श्योपुर में किसानों ने किसान सम्मेलन का विरोध किया है. इसी कड़ी में ग्वालियर में आयोजित किसान सम्मेलन में शामिल होने जा रहे किसानों की बस को रोककर प्रदर्शन किया है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि किसानों की आवाज दबाने के लिए षड्यंत्र रच कर इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.

Farmers protest
किसानों का विरोध

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Published : Dec 16, 2020, 3:19 PM IST

श्योपुर। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार किसानों को केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधार कानून के फायदे बताने के लिए किसान सम्मेलन का आयोजन कर रही है. जिसका आज दूसरा दिन है. बुधवार को मध्यप्रदेश के ग्वालियर, रीवा और जबलपुर में किसान सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. ग्वालियर चंबल संभाग की जिम्मेदारी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संभाली है. ग्वालियर में आयोजित किसान सम्मेलन में शामिल होने के लिए बीजेपी किसानों को लेकर ग्वालियर जा रही थी. उसी दौरान श्योपुर में प्रदर्शनकारियों ने किसानों की बस रोककर विरोध प्रदर्शन किया.

किसानों का विरोध

प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप

श्योपुर में प्रदर्शनकारी ने किसानों की बस रोककर सड़क पर लेट कर विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि देश का एक भी असली किसान कृषि बिल का समर्थन नहीं कर रहा है. फिर भी बीजेपी के नेताओं द्वारा वाह वाही लूटने के लिए और किसानों की आवाज को दबाने के लिए षड्यंत्र रच कर ग्वालियर में किसान सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. केंद्रीय कृषि मंत्री और क्षेत्रीय सांसद नरेंद्र सिंह तोमर के कार्यक्रम में बीजेपी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों द्वारा नकली किसानों को श्योपुर से बसों द्वारा ग्वालियर ले जाया जा रहा है. किसानों की माने तो बस में एक भी असली किसान नहीं है असली किसान वह है जो बिल का विरोध कर रहे हैं और यह विरोध तब तक करेंगे जब तक यह काला कानून वापस नहीं लिया जाता.

कांग्रेसी कर रही कृषि बिल का विरोध
विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि बीजेपी के लोग नकली किसानों को लेकर ग्वालियर जा रहे हैं. जिनका हमारे द्वारा काले झंडे दिखा करके और सड़कों पर लेट कर के विरोध किया जा रहा है और यह विरोध हम तब तक करेंगे जब तक यह काला कानून वापस नहीं लिया जाता है. वहीं बीजेपी जिला अध्यक्ष सुरेंद्र जाट का कहना है कि यह किसान वह किसान है जिनके नाम जमीन है और जो विरोध कर रहे हैं. वह किसान नहीं है वह कांग्रेसी है या फिर व्यापारी हैं, क्योंकि किसानों को इस कानून से कोई हानि नहीं हो रही है और किसान तो इसका समर्थन कर रहे हैं.

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