श्योपुर। इन दिनों पड़ रही कड़ाके की ठंड ने आमजन की परेशानी बढ़ा रखी है. जिले में यात्रियों को ठहरने के लिए एक भी रैन बसेरा शुरू नहीं किया गया है. ऐसे हालात में रात के समय शहर में आने वाली यात्रियों को इस भरी ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
कड़ाके की ठंड, लेकिन नहीं है रैन बसेरे की सुविधा, यात्री परेशान - night shelter travelers
श्योपुर में आने वाले यात्रियों को भरी ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां रैन बसेरों की सुविधा न होने पर यात्रियों को रात के समय अलाव जलाकर और किराए के रजाई गद्दे लेकर ठंड से बचने के इंतजाम करने पड़ रहे हैं.
मामला जिला मुख्यालय पर बने रैन बसेरों की तीन बिल्डिंगों का है. इन बिल्डिंगों को प्रशासन द्वारा यात्रियों के ठहरने के लिए कई साल पहले बनाया गया था, लेकिन कई सालों से इन रैन बसेरों को शुरू नहीं किया जा सका है. ऐसे में जिले में आने वाले यात्रियों को भरी ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि रात के समय अलाव जलाकर और किराए के रजाई गद्दे लेकर ठंड से बचने के इंतजाम करने पड़ रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशान महिला यात्रियों को उठानी पढ़ रही हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी रैन बसेरे को शुरू करने की कोई कवायद नहीं कर रहे हैं.
जिले में बस स्टैंड, जिला अस्पताल और मजिस्ट्रेट कॉलोनी के पास बने हुए रेन बसेरा बदहाल हैं, यहां यात्रियों के ठहरने के कोई इंतजाम नहीं है. इस ठंड के मौसम में जिले के रैन बसेरों को शुरू किया जाना बेहद जरूरी हो गया है. जिले की कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है कि अगर जिले के रैन बसेरे शुरू नहीं किए गए हैं तो वे जल्द ही रैन बसेरों की हालत देखकर चालू करवाएंगी.