मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

अस्पताल में धूल खाती रही एंबुलेंस, गरीब परिवार को नहीं मिला शव वाहन, ऑटो से ले जाना पड़ी डेडबॉडी

MP Poor Health Service: एमपी के श्योपुर जिले में सरकारी दावों की पोल खोलने का मामला सामने आया है. एक बार फिर गरीब परिवार को शव वाहन नसीब नहीं हुआ. परिवार पैसे इकठ्ठे कर ऑटो से शव लेकर गया.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 15, 2024, 5:19 PM IST

Updated : Jan 15, 2024, 5:35 PM IST

MP Poor Health Service
गरीब परिवार को नहीं मिला शव वाहन

गरीब परिवार को नहीं मिला शव वाहन

श्योपुर।जिले से मानवता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक बार फिर गरीब परिवार को शव वाहन नहीं मिलने पर मजबूरन परिजनों को बॉडी को ऑटो के माध्यम से ले जाना पड़ा. जिसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ देख जा सकता है कि कैसे घर वाले मृतक महिला के शव को पकड़ कर ले जाते दिख रहे हैं. इस वीडियो के सामने आने से एक बार फिर सरकार के झूठे वादों की पोल खुल गई है.

जिला अस्पताल में शव वाहन उपलब्ध नहीं

बता दें कि यह वायरल वीडियो श्योपुर के जिला चिकित्सालय का है. जहां अस्पताल प्रशासन के पास शव को ले जाने के लिए शव वाहन तक नहीं है. जिसकी वजह से मजबूरन लोगों को बाइक, ऑटो रिक्शा सहित अन्य चीजों को शव को ले जाना पड़ रहा है, लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ विभाग इन मामलों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है. इस तरह के पहले भी कोई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

मरीज को नहीं मिलती स्ट्रेचर

जब परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शव को ले जाने के लिए वाहन मांगा, तो प्रबंधन ने सीधे तौर पर यह बोलते हुए मना कर दिया, की अभी शव वाहन नहीं है. जबकि शव वाहन अस्पताल में ही खड़ा दिखाई दिया. उसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से बोला तो अस्पताल प्रबंधन कोई जवाब नहीं दे पाया. फिर परिजनों ने किराये से ऑटो रिक्शा किया और अस्पताल से शव को लेकर गये. जिला अस्पताल में शव वाहन तो परिजनों को मिला ही नहीं, लेकिन इतना ही नहीं जब अस्पताल में परिजन मरीज को लेकर आते हैं, तो अस्पताल के वार्ड बॉय भी स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाने के लिए उपलब्ध नहीं हो पाते हैं.

अस्पताल प्रबंधन की बेरुखी पर कोई कार्रवाई नहीं

मरीज के परिजन ही अस्पताल के अंदर से स्ट्रेचर बाहर लाकर मरीज को भर्ती कराते हैं. जब जाकर मरीज का इलाज शुरू हो पाता है. आपको बता दें जिला अस्पताल का यह कोई पहला मामला नहीं है. इस प्रकार के मामले पहले भी कई बार हो चुके हैं. इसके बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन पर जिला प्रशासन कोई कार्रवाई करता नजर नहीं आता है.

यहां पढ़ें...

Last Updated : Jan 15, 2024, 5:35 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details