श्योपुर (Agency, ANI)।कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीते अब यहां के माहौल में रमने लगे हैं. कूनो में हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से दूसरी किस्त में 12 चीते आए हैं. एक नर चीता ओबन और एक मादा चीता आशा को कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में छोड़ दिया गया. इन्होंने 24 घंटे के भीतर चीतल (हिरण) का शिकार किया है. श्योपुर डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि दोनों जंगल के वातावरण में विलीन हो रहे हैं. चीतों को कूनो का वातावरण पसंद आ रहा है. डीएफओ ने बताया कि जंगल में चीतों के शिकार के लिए पर्याप्त जानवर हैं. पानी की व्यवस्था भी सुचारू है. मंडल वन अधिकारी प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि नर चीता ओबान को कल सुबह और मादा चीता आशा को शाम को खुले जंगल में छोड़ दिया गया था.
चीता प्रोजेक्ट के तहत आए मेहमान :बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आठ चीतों को छोड़ा था. साल 1952 में चीतों को भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था, लेकिन 8 चीतों (5 मादा और 3 नर) को अफ्रीका के नामीबिया से 'प्रोजेक्ट चीता' के हिस्से के रूप में लाया गया था. देश के वन्य जीवन और आवास को पुनर्जीवित करने और विविधता लाने के लिए सरकार के प्रयास के तहत ये कदम उठाया गया है. इन आठ चीतों को अंतर-महाद्वीपीय चीता स्थानान्तरण परियोजना के हिस्से के रूप में ग्वालियर में एक मालवाहक विमान में लाया गया था. इसके बादभारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों ने चीतों को ग्वालियर वायु सेना स्टेशन से कूनो राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचाया था. इसके बाद दूसरी किस्त में हाल ही में 12 और चीते आए हैं.