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MP Cheetah Project पूर्व डकैत रमेश सिकरवार को बनाया 'चीता मित्र', ग्रामीणों को कर रहे हैं जागरूक - चीता मित्र का गमछा और टोपी

कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकन चीतों के आने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. वहीं, वन विभाग ने चीतों के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए 450 से अधिक लोगों को चीता मित्र बनाया है. ये लोग गांवों में जाकर अफ्रीकन चीतों के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं. खास बात यह है कि चीता मित्र के रूप में रमेश सिकरवार को भी चुना गया है, जो 72 साल के हैं और एक समय उनके नाम पर चंबल कांपता था. क्योंकि चंबल के बीहड़ों में डकैत के रूप में उनका राज चलता था. रमेश सिकवार चीता मित्र बनकर उत्साहित हैं और ग्रामीणों को चीतों के बारे में जागरूक कर रहे हैं. Former Chambal dacoit cheetah mitra, MP Cheetah Project, Cheetah route final, HELIPADS BUILT IN KUNO, kuno park mp

MP Cheetah Project
पूर्व डकैत रमेश सिकरवार को बनाया चीता मित्र

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Published : Sep 14, 2022, 8:25 PM IST

भोपाल/ श्योपुर।रमेश सिकरवार कभी डाकुओं के गिरोह का नेतृत्व करते थे, जिसने मध्य प्रदेश में चंबल के बीहड़ इलाकों को आतंकित किया था, लेकिन पूर्व डकैत अब एक मिशन पर हैं. वह अब चीतों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे. सिकरवार अब 72 वर्ष के हैं. उन्हें मध्य प्रदेश के वन विभाग ने 'चीता मित्र' के रूप में शामिल किया है. चीता प्रोजेक्ट के तहत अफ्रीकी चीते नामीबिया से लाए जा रहे हैं. बता दें कि आठ चीतों को 17 सितंबर को अफ्रीका के नामीबिया से राजस्थान के जयपुर लाया जाएगा और उसी दिन मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केपीएनपी) में भेजा जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में जानवर के विलुप्त होने के सात दशक बाद अपने जन्मदिन पर इनमें से तीन चीतों को पार्क के बाड़ों में छोड़ेंगे.

चीता मित्र का गमछा और टोपी :रमेश सिकरवार कहते हैं "वन विभाग के कर्मचारियों ने कुछ समय पहले मुझसे संपर्क किया कि समाज के कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों को 'चीता मित्र' के रूप में नामांकित किया जा रहा है और मुझसे चीतों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक बनने का अनुरोध किया।" उन्होंने मुझे बताया कि चीता शनिवार को कूनो नेशनल पार्क आ रहे हैं, और इससे क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, "मैं टोपी पहन रहा हूं और 'चीता मित्र' के रूप में 'गमछा' (कपड़ा) पहन रहा हूं, और लगातार लोगों से मिल रहा हूं चीतों के बारे में उनके बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए. सिकरवार कहते हैं कि उन्होंने चीतों के बारे में लोगों में विश्वास पैदा किया है.

चीतों के बारे में गांवों में दे रहे जानकारी :सिकरवार ने बताया कि "मैं उन्हें बता रहा हूं कि चीता कभी भी इंसान पर हमला नहीं करता और अगर वह जंगल से बाहर भी आता है तो घबराने की जरूरत नहीं है. करहल रेंज की वन रेंजर प्रेरणा दुबे ने बताया "हमने सिकरवार सहित लगभग 450 'चीता मित्र' नियुक्त किए हैं. ये सभी ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे हैं और एक ठोस सूचना नेटवर्क विकसित किया है. वे लगातार लोगों में चीतों के बारे में जागरूकता बढ़ा रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे.

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डकैत जीवन के बारे में बताया :पूर्व डकैत ने डकैत जीवन के बारे में बताया कि वह चंबल के बीहड़ों में उतर गया था क्योंकि उनके चाचा ने परिवार की जमीन पर कब्जा कर लिया था और जब भी उसके पिता ने उसे अपनी पैतृक भूमि और पशुधन का हिस्सा देने के लिए कहा, लेकिन नहीं दिया. उन्होंने न सिर्फ इनकार किया, बल्कि मेरे खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई. मैंने बदला लेने के लिए उनकी हत्या कर दी और चंबल के बीहड़ों में घुस गया. सिकरवार के खिलाफ पिछले 10 वर्षों में विभिन्न थानों में हत्या के करीब 70-72 और अपहरण के 15 से 30 मामले दर्ज हैं. फिर गांधीवादी कार्यकर्ता राजगोपाल पीवी ने फोन किया. पूर्व सीएम अर्जुन सिंह ने उसकी जिंदगी बदल दी और उसने अपने गिरोह के सदस्यों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया.

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