श्योपुर। केंद्र सरकार द्वारा 1 मई 2020 को मॉडल एक्ट लागू किया गया था. इसके बाद से ही मंडी कर्मचारियों द्वारा विरोध जताया जा रहा है. इसी कड़ी में मंडी जय स्तंभ चौक से रैली निकाल कर कई लोग कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे, जहां 'मॉडल' एक्ट का विरोध करते हुए राष्ट्रपति के नाम पर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया.
प्रदेश भर में किसानों से पैन कार्ड के आधार पर सीधा खरीदी कर रहे व्यापारियों से मंडी कर्मचारी नाराज हैं. कर्मचारियों की मांग है कि मंडी परिणाम में ही क्रय-विक्रय रखा जाए, जिससे मंडी में छोटे-छोटे कर्मचारी और तुलावटियों को परिवार का भरण पोषण करने में किसी भी तरह का संकट का सामना ना करना पड़े.
मंडी कर्मचारी संघ ने सौंपा ज्ञापन कृषि मंडी समितियों की स्थापना 1972 में निहित शक्तियों के तहत राज्य शासन द्वारा की गई थी, जिसमें मंडी समिति मंडी प्रांगण और मंडी क्षेत्र में अधिसूचित कृषि उपज औषधि एवं वनोपज जैसों के क्रय-विक्रय पर नियमित सहित नियंत्रण रखती है.
मंडी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय चतुर्वेदी का कहना है कि सरकार के द्वारा मॉडल एक्ट लागू किया जा रहा है, जिससे मंडी व्यापारी और कर्मचारी पूरी तरीके से बेरोजगार हो जाएंगे. किसानों से पैन कार्ड के आधार पर व्यापारी खरीदी करते है, जिनका कोई ठिकाना नहीं है. किसानों से कई बार पैन कार्ड से माल खरीदी करने वाले बिना पैसे दिए 15 दिनों तक नहीं आते है. यही वजह है कि इस नियम का विरोध किया जा रहा है.