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Kuno National Park: तेंदुओं की बड़ी संख्या नामीबियाई चीतों के लिए चिंता का विषय? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में तेंदुओं की बड़ी संख्या नामीबियाई चीतों के लिए चिंता का विषय बन सकती हैं? आइए जानते हैं इस विषय पर विशेषज्ञ का क्या कहना है. दरअसल अब तेंदुओं के बीच नामीबियाई चीते पहुंच चुके हैं, इसलिए नामीबियाई चीतों की सुरक्षा के लिए लगातार सवाल उठ रहे हैं. (Kuno National Park) (Kuno National Park increased number of leopards)(leopards is biggest concern for Namibian cheetah)

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Published : Nov 7, 2022, 8:17 AM IST

श्योपुर। सितंबर के मध्य में नामीबिया से लाकर मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में छोड़े गए आठ अफ्रीकी चीतों ने अपने नए आशियाने में 50 से अधिक दिन गुजार लिए हैं. इस बीच, दक्षिण अफ्रीका के एक चीता संरक्षणवादी ने इस उद्यान में तेंदुओं की बड़ी तादात पर चिंता जताई है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि दोनों मांसाहारियों का सह-अस्तित्व का इतिहास भी रहा है. (Kuno National Park)

अब तेंदुओं के बीच नामीबियाई चीते: मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1952 में भारत में विलुप्त हुए चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत इन चीतों को 17 सितंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक मंच से लीवर घुमाकर लकड़ी के पिंजड़ों के दरवाजे खोलकर विशेष बाड़ों में पृथकवास में छोड़ा था. छह नवंबर को इन चीतों ने अपने नए आशियाने में 51 दिन पूरे कर लिए, इनमें से दो चीतों को पांच नवंबर को पृथकवास क्षेत्र से निकालकर बड़े बाड़े में स्थानांतरित कर दिया गया है. वहीं, बाकी छह चीतों को भी चरणबद्ध तरीके से बड़े बाड़ों में स्थानांतरित किया जाएगा. बड़े बाड़े में स्थानांतरित किए जाने के एक या दो महीने बाद इन चीतों को जंगल में स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ दिया जाएगा, कुछ अन्य विशेषज्ञों ने भी कूनो राष्ट्रीय उद्यान में तेंदुओं और चीतों के बीच संभावित संघर्ष के बारे में आशंका व्यक्त की थी. (Kuno National Park increased number of leopards)

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नामीबियाई चीतों की सुरक्षा पर विशेषज्ञ का मत:दक्षिण अफ्रीका में चीता मेटापॉपुलेशन इनीशिएटिव प्रोजेक्ट (सीएमआईपी) के प्रबंधक विन्सेंट वान डेर मर्व ने कहा, "केएनपी में तेंदुओं की अधिक संख्या चीतों के लिए चिंता का विषय है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और भारत में सदियों से इन दोनों जानवरों के सह-अस्तित्व में रहने का इतिहास रहा है." मर्व को दक्षिण अफ्रीका से भारत में 12 और चीते लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, चीता धरती पर सबसे अधिक तेज दौड़ने वाला जानवर है और दुनिया में अधिकांश चीते अफ्रीका में पाए जाते हैं, तेंदुओं को चीतों पर हमला करने के लिए जाना जाता है. सितंबर में नामीबिया से आठ चीतों के साथ कूनो राष्ट्रीय उद्यान के लिए उड़ान भरने वाले 40 वर्षीय मर्व ने 'पीटीआई-भाषा' को दक्षिण अफ्रीका से फोन पर बताया, "दक्षिण अफ्रीका में जितने चीते मरते हैं, उनमें से नौ प्रतिशत का शिकार तेंदुओं द्वारा किया जाता है." उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब 1,200 वर्ग किलोमीटर में फैले कूनो राष्ट्रीय उद्यान के कोर और बफर क्षेत्र में 70 से 80 तेंदुओं की मौजूदगी दर्ज की गई है, दक्षिण अफ्रीका में 31 चीता स्थानांतरण परियोजनाओं में हिस्सा ले चुके मर्व ने कहा कि, "वयस्क चीता तेंदुए को नजरअंदाज करता है और सामना होने पर यदि जरूरत पड़ी तो तेंदुए को भगा भी देता है. लेकिन चीता शावक और पूरी तरह से वयस्क न हुए चीते अक्सर तेंदुओं का शिकार बन जाते हैं." मर्व ने कहा कि, "कूनो राष्ट्रीय उद्यान में भेजे गए आठों चीते पूरी तरह से स्वस्थ एवं तंदुरूस्त हैं, कूनो राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक उत्तम शर्मा ने स्वीकार किया है कि इस उद्यान में 70 से 80 तेंदुए हैं."(leopards is biggest concern for Namibian cheetah)

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा तेंदुए:केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की 'भारत में तेंदुओं की स्थिति 2018' रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 3,421 तेंदुए होने का अनुमान है, जो देश के किसी अन्य राज्य की तुलना में सबसे अधिक है. इसके बाद कर्नाटक का स्थान आता है, जहां लगभग 1,783 तेंदुए मौजूद हैं, एक वयस्क चीते का वजन 40 से 50 किलोग्राम और तेंदुए का वजन 50 से 60 किलोग्राम के बीच होता है.

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