श्योपुर। इंसान के मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो वह कुछ भी कर सकता है. जिले के बगड़ुआ गांव निवासी एक गरीब किसान के बेटे मानसिंह जाटव ने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद अपनी मेहनत और सरकार की विदेश में उच्च शिक्षा अध्ययन योजना के सहारे ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई की. शिक्षा पूरी करने के बाद कुछ दिन पहले मानसिंह को ऑस्ट्रेलिया में टिंडो सोलर कंपनी में 25 लाख रुपये सालाना की नौकरी मिल गई है. मानसिंह को इतनी बड़ी नौकरी मिलने के बाद अब उनके घर की रौनक भी बदलने लगी है. मानसिंह की तारीफ उनके गांव में ही नहीं बल्कि, आसपास के क्षेत्र से लेकर पूरे जिले भर में होने लगी है.
किसान परिवार के बेटे ने विदेश में ली नौकरी
दरअसल, श्योपुर जिले के बगड़ुआ निवासी मानसिंह जाटव किसान हरिमोहन जाटव के बेटे हैं. उनके पिता के हिस्से की जो जमीन है, उस जमीन से उनके परिवार का गुजारा भी ठीक तरह से नहीं हो पा रहा था. ऐसी स्थिति में उनके पिता मेहनत-मजदूरी करके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई करवाते रहे, लेकिन जब मानसिंह ने हायर सेकंडरी की परीक्षा पास करने के लिए उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए विदेश जाने की इच्छा जताई तो उनके पिता की इतनी हैसियत नहीं थी, कि वह उसे विदेश भेज सकें. मानसिंह ने सरकार से पढ़ाई के लिए मदद मांगी तो उसकी प्रतिभा देखकर सरकार मदद के लिए आगे आई.
पढ़ाई में 49 लाख रुपये हुए खर्च
मानसिंह ने मप्र अनुसूचित जाति कल्याण विभाग योजना के तहत विदेश में उच्च शिक्षा अध्ययन योजना के तहत आवेदन किया. छात्र की प्रतिभा को देखते हुए मप्र सरकार आगे आई. छात्र ने आवेदन किया तो उसका चयन ऑस्ट्रेलिया की यूनिर्विसटी में चयन हुआ. मानसिंह जुलाई 2018 में वह मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (एनर्जी) की पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) गए. सरकार ने पढ़ाई के लिए 98 हजार ऑस्ट्रेलिया डॉलर (भारत में 49 लाख रुपये) मंजूर किए. इसमें 76 हजार डॉलर (38 लाख रुपये) कॉलेज की फीस, 20 हजार डॉलर (10 लाख रुपये) रहने-खाने और दो हजार डॉलर (1 लाख रुपये) वीजा और प्लेन का किराए पर खर्च किए. 2 साल पढ़ाई के बाद मार्च 2021 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया में ही टिंडो सोलर कंपनी में सोलर सिस्टम की गुणवत्ता चेक करने के लिए 25 लाख रुपये सालाना की नौकरी मिली है.