मध्य प्रदेश

madhya pradesh

By

Published : May 20, 2020, 4:57 PM IST

ETV Bharat / state

निजी बस से गुजरात से श्योपुर लौटे 29 मजदूर, जिला प्रशासन ने खिलाया खाना

गुजरात और राजस्थान से श्योपुर पहुंचे प्रवासी मजदूरों को प्रशासन ने खाने की व्यवस्था कराई और उन्हें उनके घर पहुंचाया.

District administration provided food to 29 laborers returned from Gujarat to sheopur
मजदूरों को जिला प्रशासन ने कराया भोजन

श्योपुर। कोरोना वायरस काल में रोजगार के लिए दूसरे राज्य गए मजदूर अपने घर वापस लौट रहे हैं. जिसके चलते मजदूर या तो निजी वाहन कर अपने घर पहुंच रहे हैं या फिर पैदल ही निकल पड़े हैं. एक ऐसा ही मामला श्योपुर से आया है, जहां जिला कलेक्ट्रेट पर बैठकर मजदूर अपने घर जाने का इंतजार कर रहे थे. मजदूरों में गुजरात से आए 29 मजदूर भी शामिल थे.

मजदूर पहुंचे श्योपुर

वहीं जब मजदूरों से पूछा गया कि वो कैसे गुजरात से श्योपुर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि कारखाना बंद होने पर खाने का संकट सामने आ गया था. जिसके चलते सभी ने 800 रुपए इकट्ठा कर बस किराए पर की और उसी के जरिए श्योपुर पहुंचे. कुल 23 हजार 200 रुपए किराए देकर सभी मजदूर झाबुआ पहुंचे हैं, जहां उनको प्रशासन ने रोक और उनका स्वास्थ्य परिक्षण कर और उन्हें खाना खिलाकर उन्हें श्योपुर भेजा गया.

वहीं मजदूरों ने बताया कि वो गुजरात में ओरियंट कंपनी में काम करते थे. लॉकडाउन के बाद कंपनी बंद हो गई, तो मालिक ने सभी को जाने के लिए बोल दिया. ऐसे में हम वहां कैसे रूकते, पैसे एकत्रित किए और बस से गुजरात से चल दिए. हम जब झाबुआ जिला पहुंचे तो हमें रोक लिया गया. वहां से प्रशासन ने बस के जरिए श्योपुर भेजा.

मजदूरों ने बताया कि हम सलमानिया, पिपरानी, बाबड़ी चापा, बर्धा और बुखारी गांव के रहने वाले हैं. मजदूरों का कहना है कि अब यहां से गांव जाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है. हालांकि जिला प्रशासन ने हमें भोजन कराकर आश्वासन दिया है कि आपको द्वारा बसों को भेजा जाएगा.

ऐसे में वहीं दूसरी ओर राजस्थान में फंसे दतिया जिले के लोग भी आज श्योपुर पहुंचे जिन्होंने वहां बैठकर भोजन किया और बसों का इंतजार करते नजर आए. वहां ये लोग पानी पुरी बेचते थे, लॉकडाउन में धंधा बंद हुआ तो लौट आए. राजस्थान के जालौद से लौटे कुछ लोग कलेक्ट्रेट में दतिया जाने का इंतजार कर रहे थे.

इन लोगों ने बताया कि वह जालौद में पानीपुरी बेचने का काम करते थे. लॉकडाउन के चलते काम धंधा बंद हो गया, तो वहां से अपने घर जाने के लिए चल पड़े. वहां से यहां आने में करीब छह दिन लग गए. हालांकि राजस्थान से हमें बस द्वारा यहां तक भेजा गया है. महिला मजदूर त्रिवेणी ने बताया कि श्योपुर आने पर जिला प्रशासन ने खाने की व्यवस्था की अब बस द्वारा दतिया भेजा जा रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details