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श्योपुर: कूनो पालपुर अभ्यारण में अब शेरों के साथ पुणे से आएंगे चीते

श्योपुर जिले के कूनो पालपुर अभ्यारण कई वन्यप्राणी हैं, लेकिन एशियाई सिंहों की शिफ्टिंग नहीं हो पा रही है, जिसके चलते क्षेत्र पर्यटन के मामले में पीछे है, वहीं गुजरात से आने वाले बब्बर शेर भी सराकार की अटकलों की वजह से अब तक यहां नहीं पहुंचे हैं, जिसका अभ्यारण प्रबंधन को इंतजार है.

Kuno Palpur Sanctuary
कूनो पालपुर अभ्यारण

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Published : Nov 8, 2020, 1:43 PM IST

Updated : Nov 23, 2020, 1:59 PM IST

श्योपुर। गुजरात के गिर अभ्यारण के शेरों के लिए दूसरे घर के रूप में विकसित किया गया है, जिले का कूनो पालपुर अभ्यारण लंबे समय से शेरों के आने का इंतजार कर रहा है, लेकिन गुजरात सरकार की अटकलों की वजह से सारी तैयारियां पूरे होने के बाद भी कूनो में बब्बर शेरों की शिफ्टिंग नहीं हो सकी है, अब वन विभाग अफ्रीकी चीतों की पुणे में शिफ्टिंग की संभावनाएं तलाश रहा है.

कूनो पालपुर अभ्यारण
जिले के कूनो पालपुर अभ्यारण में हिरण, सांभर, बारहसिंघा, नीलगाय, सियार, भालू, लकड़बग्घा, पैंथर सहित कई तरह के वन्य जीव भारी संख्या में हैं, हिरण आदि वन्यजीव तो भारी तादाद में रास्तों पर उछलते कूदते दिखाई देते हैं, जिन्हें देखकर लोग प्रफुल्लित हो उठते हैं, लेकिन यहां एशियाई सिंहों की शिफ्टिंग नहीं होने की वजह से पर्यटकों का जुड़ाव नहीं हो पा रहा है, इस वजह से एक बड़ा पर्यटन स्थल होने के बावजूद भी श्योपुर जिला पर्यटन की दिशा में आगे नहीं बढ़ पा रहा.

डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा का कहना है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय में इस पर विचार चल रहा था, न्यायालय द्वारा एक समिति गठित की गई थी जिस समिति की समस्या लेकर बैठक हुई थी और समिति के द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि पर्यटन की दृष्टि में क्षेत्र की दूरी कम है, जिस पर स्टेट गवर्नमेंट मध्य प्रदेश ने तत्काल कार्रवाई करते हुए क्षेत्रफल की दूरी 2018 में दोगुनी कर दी गई है, और जहां तक शेरों की बात है, तो जल्द ही शेरों की शिफ्टिंग हो जाएगी.

Last Updated : Nov 23, 2020, 1:59 PM IST

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