श्योपुर। खेल गतिविधियों के नाम पर कॉलेज प्रबंधन द्वारा हर साल लाखों रुपए का बजट फूंका जाता है, लेकिन कॉलेज में खिलाडियों की प्रैक्टिस के लिए बैडमिंटन कोर्ट तक नहीं खोला जाता है. जिससे प्रैक्टिस के लिए रोजाना कॉलेज परिसर में पहुंचने वाले खिलाड़ी छात्र-छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालात ऐसे हैं कि ग्राउंड में लाइटें नहीं होने की वजह से सुबह के समय अंधेरा होने की वजह से उन्हें मोबाइल टॉर्च की रोशनी में फिजिकल की तैयारी और खेलों की प्रैक्टिस करनी पड़ रही है.
मामला जिला मुख्यालय के पीजी कॉलेज का है. जहां कॉलेज प्रबंधन ने करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से बैंडमिंटन कोर्ट तो बना दिया है, लेकिन इस कोर्ट के दरवाजे पर हमेशा ताला लगा रहता है. जिससे यहां नियमित प्रैक्टिस करने के लिए पहुंच रहे कॉलेज के छात्र-छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
बैडमिंटन कोर्ट के खस्ता हाल
छात्र-छात्राओं की मानें तो उन्हें कॉलेज प्रबंधन द्वारा प्रैक्टिस के लिए कोई सामग्री भी उपलब्ध नहीं करवाई जाती है. जिससे उन्हे बैंडमिंटन कोर्ट के बाहर के मैदान में खड़े बरसाती पौधों और झाडियों के बीच मुश्किलें उठाकर प्रैक्टिस करनी पड़ रही है. जबकि वो कई बार कॉलेज के प्राचार्य से बैंडमिंटन कोर्ट को खोले जाने और फिजिकल प्रैक्टिस के लिए सामग्री मांग चुके हैं, लेकिन उनके द्वारा हर वार अनसुना कर दिया जाता है.