शाजापुर। जिला मुख्यालय से महज डेढ़ किमी दूर स्थित ग्राम भेरूखेड़ा के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं वंचित है. ऐसा नहीं कि इन ग्रामीणों ने शासन या जनप्रतिनिधियों से मांग नहीं की है. ग्रामीणों ने सरपंच से लेकर विधायक और सचिव से लेकर कलेक्टर तक अपनी समस्याओं के समाधान की मांग की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई जिसके चलते भेरूखेड़ा के ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं ग्रामीण, कीचड़ भरे रास्ते पर चलने को मजबूर
शासन प्रशासन की अनदेखी के कारण शाजापुर के भेरूखेड़ा के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. गांव में ना तो स्त्रोत है और ना ही पक्की सड़क. जिस वजह से बारिश में ग्रामीण कीचड़ भरे रास्तों पर चलने को मजबूर हैं.
शाजापुर जनपद अंतर्गत आने वाली पतौली ग्राम पंचायत के भेरूखेड़ा गांव कहने को तो शहर से महज डेढ़ किमी दूर है, लेकिन इस गांव से विकास कौसो दूर है. करीब 500 की आबादी वाले इस गांव में पेयजल का कोई स्त्रोत नहीं है. जिसके कारण गांव की महिलाओं और बच्चों को करीब आधा किमी का सफर तय कर पानी लाना पड़ता है. गांव में पक्की सड़क ना होने के कारण ग्रामीणों को रोजाना कच्चे और उबड खाबड मार्ग से गुजरना पड़ता है. कच्चा रास्ता होने के कारण बारिश में सड़कों पर कीचड़ हो जाता है, ऐसे में ग्रामीणों को कीचड़ से ही होकर आना जाना पड़ता है. वहीं गांव में शमशान नहीं होने से अंतिम संस्कार के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इस मामले में शाजापुर जनपद के भूपेंद्र कुमार गुप्ता खण्ड पंचायत अधिकारी का कहना है कि ग्राम भेरुखेड़ा की जो जमीन है, वहां के एक कोटवार को दी गई थी. लेकिन देखते ही देखते वहां गांव बस गया. हमने कलेक्टर को पत्र लिखकर उस गांव की भूमि को जनपद को देने को कहा है, ताकि इस गांव में विकास किया जा सके, गांव में पानी की समस्या को लेकर ग्राम पंचायत को अवगत करवा दिया है.