शाजापुर।प्रदेश में रहने वाले एक पिता-पुत्र की जोड़ी ने ईंट बनाने की एक ऐसी मशीन बनाई है, जो कम मजदूरों के साथ महज एक घंटे में 1200 से ज्यादा ईंट बना सकती है. यह मशीन अब ईंट व्यापारियों की पहली जरूरत बन रही है. ये जोड़ीअब ईंट के साथ-साथ ईंट बनाने वाली मशीन भी ऑर्डर पर तैयार कर रहे हैं. ऐसे में राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित मध्यप्रदेश के कई शहरों से लोग इस मशीन को खरीदने और देखने शाजापुर आ रहे हैं.
- पिता-पुत्र की इस जोड़ी का कमाल
पिता गंगाराम और उनके बेट राधेश्याम का मुख्य व्यवसाय ईंट बनाना है. राधेश्याम का कहना है कि लॉकडाउन में मजदूरों की परेशानियों और उनकी महंगी मजदूरी के कारण उत्पादन की लागत बढ़ती जा रही थी. ऐसे में मिट्टी को गूंथने से लेकर फिक्स साइज के आकर की ईंटें बनाने के लिए हमें किसी सस्ते विकल्प की तलाश थी. फिर हमने रेल के पुराने इंजन को देखकर एक आइडिया आया, जिसकी मदद से हमने ईंट बनाने की ऑटोमेटिक मशीन जुगाड़ से ही बना ली. इस जुगाड़ की मशीन में लोहे की एक रॉड फिक्स कर मिट्टी गूंथने का चेंबर बनाया गया, तो नीचे वाले हिस्से में ईंटों के सांचे लगाए. यह मशीन कम मजदूरों की मदद से अब एक घंटे में करीब 1200 ईंट बना देती है.
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एक दिन में बनती थी 800 से 1000 ईंट