मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

शाजापुर: कई मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने सौंपा ज्ञापन

शाजापुर जिले की मोहन बड़ोदिया तहसील में किसानों ने लंबित मांगों के निराकरण के लिए तहसील कार्यालय में तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. पढ़िए पूरी खबर..

Shajapur
Shajapur

By

Published : Sep 23, 2020, 10:43 PM IST

शाजापुर। जिले की मोहन बड़ोदिया तहसील इकाई द्वारा किसानों की लंबित मांगों के निराकरण के लिए तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन का वाचन करते हुए तहसील मंत्री मोहित बैरागी ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा वितरण में किसानों के साथ जो बीमा कंपनियों द्वारा छलावा किया गया है, उसके कारण किसानों में बहुत आक्रोश देखने को मिल रहा है. एक तो प्रकृति की मार और दूसरी तरफ बीमा वितरण में घोटाला हुआ है, इसकी जांच उच्च स्तर पर होना चाहिए.

ज्ञापन में की गई अहम मांगें-

  • मोहन बड़ोदिया तहसील में बीमा कंपनी द्वारा 50 प्रतिशत गांव व किसानों को बीमा क्लेम से वंचित रखा गया है, इसका निराकरण शीघ्र कर बीमा क्लेम की राशि किसानों के खाते में तुरंत डाली जाए. बीमा क्लेम की राशि किसानों के कर्ज में ना काटी जाए, उक्त राशि को किसानों के बचत खाते में डाली जाए. वर्तमान में आर्थिक संकट को देखते हुए किसान आने वाली फसल की बुवाई कर सकें.
  • पूर्व सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना के कारण लाखों किसान अपनी केसीसी पलटी नहीं कर पाए, इस कारण उनकी फसल का बीमा भी नहीं हो पाया, जिससे कि बीमा क्लेम से वंचित रह गए और उन्हें ब्याज भी भुगतना पड़ा, उस ब्याज और बीमा क्लेम की राशि का भुगतान सरकार द्वारा किसानों का किया जाए.
  • साल 2020 में सोयाबीन की फसल शत-प्रतिशत नष्ट हो चुकी है, राजस्व विभाग के द्वारा 75 प्रतिशत से 90 प्रतिशत नुकसान का आंकलन किया है, जिसका सर्वे भी हो चुका है. राज परिपत्र की पुस्तक आरबीसी 64 की धारा में परिवर्तन कर 40000 प्रति हेक्टेयर के मान से राहत राशि किसानों के खाते में अति शीघ्र डाली जाए. बीमा क्लेम की राशि किसानों के कर्ज में ना काटी जाए, उक्त राशि को किसानों के बचत खाते में डाली जाए. वर्तमान में आर्थिक संकट को देखते हुए किसान आने वाली फसल की बुवाई कर सकें.
  • पूर्व सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना के कारण लाखों किसान अपनी केसीसी पलटी नहीं कर पाए, इस कारण उनकी फसल का बीमा भी नहीं हो पाया, जिससे कि बीमा क्लेम से वंचित रह गए और उन्हें ब्याज भी भुगतना पड़ा, उस ब्याज और बीमा क्लेम की राशि का भुगतान सरकार द्वारा किसानों का किया जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details