शाजापुर। शाजापुर के ढाबलाधीर निवासी छह साल के बालक देवराज का लीवर संक्रमित हो चुका है. उसने काम करना बंद कर दिया है. इसके चलते लीवर ट्रांसप्लांट किया जाना है. इसके लिए 25 लाख रुपये का खर्च आ रहा है और माता-पिता इस खर्च को उठाने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में बालक के माता-पिता मोदी सरकार और शिवराज मामा से अपने बच्चे को बचाने की गुहार लगा रहे हैं. माता-पिता का कहना है कि हम इसी बीमारी से दो बच्चों को खो चुके हैं. अब इसे खोना नहीं चाहते.
सारी जमीन बेच दी, अब दो बीघा ही बची है : परेशान माता-पिता का कहना है कि उन्होंने बच्चों को बचाने के लिए दो मकान बेच दिए. अब केवल दो बीघा जमीन बची है. उसे भी बेच दें तो भी इलाज नहीं हो पाएगा. अब शिवराज मामा आप से उम्मीद है, मेरे बच्चे को बचा लो. देवराज का इलाज भोपाल के एक निजी हॉस्पिटल में चल रहा है. सीएम शिवराज इस हॉस्पिटल में गए थे. परिजनों को जब इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने सीएम से इलाज कराने की गुहार लगाई.
इसी बीमारी से दो बच्चे पहले ही खो चुके हैं : शाजापुर जिले के ढाबलाधीर निवासी चुन्नीलाल और सुनीता बाई मेवाड़ा के दो बच्चों की मौत पहले ही लीवर डैमेज होने से हो चुकी है. बड़ी बेटी सलोनी की 5 वर्ष की उम्र में 15 साल पहले मौत हो गई, दूसरे बेटे ऋतुराज की भी 5 वर्ष की उम्र में 8 साल पहले मौत हो गई और तीसरा बेटा देवराज भी लीवर की बीमारी से पीड़ित हैं. उसका लीवर प्रत्यारोपण तत्काल किया जाना है. मां सुनीता अपने बेटे को बचाने के लिए लीवर दे रही है लेकिन प्रत्यारोपण के खर्च की व्यवस्था नहीं हो पा रही.