शाजापुर। जिला अस्पताल में बने कोविड केयर सेंटर में 65 रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण में हुई लापरवाही और लूट के मामले में प्रशासन ने 12 स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा समाप्त कर दी हैं. साथ ही सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हैं.
12 स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाएं समाप्त
20 अप्रैल की रात कोरोना केयर सेंटर में परिजनों के हंगामे के बाद कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए आए 65 इंजेक्शन लूटे लिए गए. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने लूट का मामला दर्ज न कराते हुए दो व्यक्तियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन जिला प्रशासन ने दो डॉक्टर, चार नर्स, तीन वार्ड बॉय और सुरक्षा गार्ड सहित 12 स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी. एफआईआर में लूट का हवाला नहीं, तो फिर इस कार्रवाई में लूट का हवाला देकर क्यों स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाएं समाप्त का दी गई ?. लूट की एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई गई.
सीएमएचओ डॉ. राजू निदारिया छिंदवाड़ा में 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ 3 आरोपी गिरफ्तार
20 अप्रैल को जिला चिकित्सालय में रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण में लापरवाही और लूट के संबंध में कलेक्टर दिनेश जैन ने डॉ. संजय चांदना, डॉ. सद्दाम अली, स्टाफ नर्स चिंता मालवीय, अनुसूईया चौरड़िया, कविता लोधी, नेहा निगम, वार्ड बॉय बंटी, राकेश खींची, पीयूष देवतवाल, सिक्यूरिटी गार्ड योगेश अग्रवाल, अशोक पाटीदार और सफाईकर्मी विशाल घारवे की सेवाएं समाप्त कर दी. कार्रवाई के पहले एसडीएम और एसडीओपी द्वारा जो जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को दी गई, उस में इंजेक्शन लूट की बात कही गई हैं, लेकिन एफआईआर शासकीय कार्य में बाधा की दर्ज कराई गई. साथ ही तत्कालीन सिविल सर्जन शुभम गुप्ता को भी इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हैं.
सीएमएचओ डॉ. राजू निदारिया ने कहा कि रेमडेसिविर के लूट के मामले में 12 स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई हैं, डबकि सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हैं.