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भाई दूज की पौराणिक मान्यता, जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि - belief of Bhai Dooj

भारतीय संस्कृति में भाई दूज का विशेष महत्व है, इस रोज भाई की आरती उतारने और टीका करने से उसके जीवन में सुख, समृद्धि आती है.

बहने कैसे लगाएं भाई को टीका

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Published : Oct 29, 2019, 8:09 AM IST

शहडोल।दीपावली के बाद दूसरे दिन भाई दूज मनाया जाता है, जिसका इंतजार हर भाई-बहन को रहता है. भाई दूज के इस त्योहार की मान्यता है कि इस दिन बहन के टीका लगाने से भाई की उम्र बढ़ती है और वह निरोगी रहता है. इस त्योहार पर भाई-बहन का प्रेम देखते ही बनता है. इसके अलावा इस दिन को शुभ काम के लिए उत्तम माना जाता है, इस दिन की पौराणिक मान्यता और मनाने के तरीके पर नजर डालते हैं.

भाई दूज का मुहूर्त


ऐसे शुरू हुआ भाई दूज का त्योहार
पंडित सुशील शुक्ला बताते हैं कि एक बार राजा बलि ने भगवान विष्णु को बंधक बना लिया था, जिसके बाद माता लक्ष्मी वहां गईं और राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधी. रक्षा सूत्र बांधने के बाद उनसे दक्षिणा मांगी की अगर आप प्रसन्न हैं तो आपके दरवाजे पर हमारे पति देव बंधन में हैं, उनको आप मुक्त कर दें, जिसके बाद राजा बलि ने उन्हें मुक्त कर दिया.

भाई दूज के लिए उत्तम मुहूर्त
इस साल भाई दूज के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त सुबह 9 बजे से 11 बजे तक है और फिर इसके बाद दोपहर में 2 बजे से शाम 5 बजे तक है. इस मुहूर्त में भाई दूज मनाने से भाई की यश, बल-बुद्धि और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. ऐसा माना जाता है कि बहन के आ जाने मात्र से ही भाई की आरती उतार देने से ही इन चार चीजों में वृद्धि होती है.

भाई दूज पूजा का विधान
पंडित सुशील शुक्ला के अनुसार सुबह बहनें सबसे पहले स्नान करें, भगवान की पूजा करें और फिर उसके बाद बड़े ही आस्था के साथ अपने भाई को मीठा खिलाएं, आरती उतारें फिर उनके सर के ऊपर अपना आंचल रखकर तिलक लगाएं. ऐसा करने से भाई की उम्र बढ़ेगी और वह निरोगी रहेगा.

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