मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

Video: दिवाली पर नाचने का अनोखा रिवाज, वीडियो देखकर हैरान हो जाएंगे आप

शहडोल जिले में दिवाली पर ग्वाले अनोखा डांस करते हैं. स्थानीय भाषा में इस डांस को 'देवरी डांस' कहा जाता है. ग्वाले इस डांस को लोगों के घर-घर जाकर करते हैं. मान्यता है कि इस डांस को करने से घर की बुरी बलाएं दूर होती हैं.

Unique custom of dancing on Diwali
दिवाली पर नाचने का अनोखा रिवाज

By

Published : Nov 5, 2021, 5:02 PM IST

Updated : Nov 5, 2021, 6:05 PM IST

शहडोल। शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है. यहां पर दिवाली के त्यौहार में अलग-अलग तरह के रीति-रिवाज और परंपराएं देखने को मिलती हैं. इन्हीं में से एक है 'दिवाली डांस' जिसे लोकल भाषा में देवारी डांस भी कहा जाता है. इसमें दीपावली की रात से मवेशी चराने वाले लोग घर-घर जाते हैं और वहां दोहा डालते हुए आदिवासी नृत्य करते हैं. जिसे दिवाली नृत्य कहा जाता है. इस दौरान छाहूर भी रखा जाता है, जिसका बहुत महत्व होता है.

डांस के बदले मिलती है दक्षिणा

इस परंपरा को लेकर मान्यता है कि इससे घर की सभी बलाय खत्म हो जाती हैं. इसके बाद अच्छा वक्त शुरू हो जाता है. इसलिए भी लोग इस ग्रुप का इंतजार करते रहते हैं. चाहे फिर वह आधी रात को आएं या दूसरे दिन आए. फिर उन्हें उस नाच गाने के बदले दान दक्षिणा भी देते हैं. कोई कुछ पैसा देता है, कोई धान देता है, तो कोई चावल देता है. जिसके पास जो भी अन्न होता है वो देता है.

दिवाली पर नाचने का अनोखा रिवाज

परंपरा या अंधविश्वास: मन्नत पूरी करवाने के लिए जान से खिलवाड़, खुद को गायों से रौंदवाते हैं लोग

विलुप्त हो रही परंपरा

दिवाली नृत्य का ग्रुप दीपावली की रात से एक्टिव होता है और एकादशी तक चलता है. हालांकि इसके भी अलग-अलग गांव में अलग-अलग रिवाज है. लेकिन बदलते वक्त के साथ कहीं न कहीं यह भी अब विलुप्ति की कगार पर है.

3 गुना जहरीली हुई ग्वालियर की हवा, बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहने की सलाह

Last Updated : Nov 5, 2021, 6:05 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details