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कोरोना की तीसरी लहर का खतरा ! मेडिकल कॉलेज प्रबंधन तैयारियों में जुटा

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Published : May 27, 2021, 8:39 AM IST

शहडोल में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जाताई जा रही है, जिसे लेकर मेडिकल कॉलेज पहले से ही व्यवस्थाओं में जुट गया है, माना जा रहा है, तीसरी लहर बच्चों पर प्रभाव डालेगी.

Threat of corona's third wave
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन तैयारियों में जुटा

शहडोल। कोरोना की दूसरी लहर का असर शहडोल जिले में भी बहुत ज्यादा देखने को मिला. जिले में अधिकतर लोग कोरोना से संक्रमित हुए, संक्रमण की दर ऐसी रही जिसके चलते जिले में कोरोना की वजह से हाहाकार मच गया. कोरोना की इस दूसरी लहर में कई लोगों ने अपनों को खोया, तो वहीं कई लोग अभी भी कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे हैं. हालांकि पिछले कुछ दिनों से जिले में कोरोना का संक्रमण कम होना शुरू हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर में काफी तबाही मचाई है. सबसे ज्यादा प्रभावित रहा युवा पीढ़ी, इसका प्रमुख कारण रहा तैयारियों का अभाव मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिले, जिनको बेड मिला उनको समय पर ऑक्सीजन नहीं मिली, जब तक ऑक्सीजन मिला. वेंटिलेटर में जाने की स्थिति हो गई, और अंत में मरीज जिंदगी की जंग हारते चले गए.

कोरोना की तीसरी लहर का खतरा

कोरोना अब छोटे बच्चों को बनाएगा निशाना

अब जब धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हो रही हैं, लेकिन इस बीच तीसरी लहर का खतरा भी मंडरा रहा है, तीसरी लहर में युवाओं के साथ-साथ छोटे बच्चों को भी खतरा हो सकता है. इसकी संभावना विशेषज्ञों ने जताई है. इसलिए अभी से इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है.

मेडिकल कॉलेज प्रबंधन तैयारियों में जुटा

तीसरी लहर का बच्चों पर असर

दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर का खतरा भी देश में मंडरा रहा है, इसकी चेतावनी पहले ही विशेषज्ञों ने दे दी है, जिसके बाद इस चेतावनी में यह भी कहा गया है कि तीसरी लहर की चपेट में बच्चे भी आ सकते हैं. जिसके मद्देनजर तीसरी लहर की भी तैयारी शुरू कर दी गई है, मेडिकल कॉलेज के जनसंपर्क प्रभारी डॉ मनीष सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में 10 बेड का एसएनसीयू और 10 बेड का पीआईसीयू तैयार हो रहा है.

मेडिकल कॉलेज में एसएनसीयू तैयार

मेडिकल कॉलेज में 10 बेड का एसएनसीयू जनवरी में ही तैयार हो गया था. सपोर्टिंग स्टाफ की ट्रेनिंग भी हो गई थी, लेकिन ऐन मौके पर एनएचएम ने संविदा कर्मचारियों की संविदा समाप्त करते हुए बाहर कर दिया था. जिसके चलते यह वार्ड शुरू नहीं हो पाया था, कोविड के केस आने के पर इसको कोविड में कन्वर्ट कर दिया जाएगा. बता दें कि एसएनसीयू में जन्म से 28 दिन तक के बच्चों को रखा जाएगा.

एसएनसीयू की तरह ही 10 बेड का पीआईसीयू भी तैयार किया जा रहा है इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है 1 माह से 14 वर्ष तक के बच्चों को इस वार्ड में रखा जाएगा, बच्चों के इलाज के लिए फिलहाल मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक के 4 डॉक्टर हैं डॉक्टर निशांत सिंह, डॉक्टर स्वेतलीना, सीनियर रेजिडेंट एचएन तिवारी और डॉक्टर शोएब एक अन्य चिकित्सक की भी नियुक्ति हो गई है.

गौरतलब है कि दूसरी लहर का कहर शहडोल जिले में भी देखने को मिला संक्रमण काफी तेजी से फैला, तो कई लोगों ने अपनों को भी खोया और इस दौरान मेडिकल कॉलेज में लोगों का इलाज भी हुआ, ऐसे में एक बार फिर से कोरोना की संभावित तीसरी लहर की चेतावनी के मद्देनजर शहडोल मेडिकल कॉलेज में 10 बेड का एसएनसीयू और 10 बेड का पीआईसीयू तैयार किया जा रहा है. जिससे अगर बच्चों में कोरोना के तीसरी लहर में अगर बच्चे इसकी चपेट में आये, तो आपात स्थिति में उपचार करने की व्यवस्था हो सके.

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