शहडोल। शहडोल संभाग आदिवासी बाहुल्य संभाग है. इस संभाग के तीनों ही जिले प्राकृतिक संपदा से भरे हुए हैं. प्रकृति की खूबसूरती देखनी हो तो शहडोल अनूपपुर उमरिया में आपको वो नजारा देखने को मिल जाएगा. अभी हाल ही में जारी वार्षिक परिवेशीय वायु गुणवत्ता में उमरिया को प्रथम स्थान मिला है तो वहीं शहडोल तीसरे स्थान पर है. अनूपपुर सातवें क्रम पर है. मतलब साफ है कि प्रदेश में सबसे शुद्ध उमरिया जिले की आबोहवा है.
पूरा संभाग हरा-भरा है : उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरी ये वो जिले हैं जहां भारी तादाद में पेड़ पौधे पाए जाते हैं. जंगलों से हराभरा क्षेत्र है, ऐसे में प्रदेश में सबसे शुद्ध आबोहवा की जब रैंकिंग हुई तो उसमें उमरिया इस बार पहले नंबर पर आया है. हाल ही में जारी वार्षिक परिवेश एवं वायु गुणवत्ता में उमरिया पहले नंबर पर है. उमरिया को 53.8 9 एक्यूआई अंक मिले हैं. ये पर्यावरण में शुद्धता के पैमाने पर अच्छा माना जाता है. इस क्रम में दूसरे नंबर पर डिंडोरी है तो तीसरे नंबर पर शहडोल है और अनूपपुर सातवें नंबर पर है।
ऐसे होती है रैंकिंग : प्रदेश में पर्यावरण व वन्य जीव संरक्षण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पीसीबी पर्यावरण निगरानी केंद्र सभी 52 जिलों में नजर रखता है और फिर औसत वार्षिक वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई की घोषणा करता है. पीसीबी के मुताबिक अभी हाल ही में इसकी घोषणा हुई है. इस रैंकिंग में उमरिया पहली बार 52 जिलों में प्रथम स्थान पर आया है. पिछले साल उमरिया की रैंकिंग तीसरे नंबर पर था. शहडोल पिछली बार पांचवें क्रम पर था, इस बार तीसरे नंबर पर है. अब उमरिया प्रथम और शहडोल तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.