शहडोल।जिले में बारिश का दौर काफी दिन से जारी है, हर दिन हो रही बारिश से खेतों में पानी की पर्याप्त मात्रा पहुंच गया है. हर साल की अपेक्षा इस साल जल्दी बारिश शुरू हुई है, ऐसे में अगर किसान धान की खेती करते हैं, तो उनके लिए काफी फाएदेमंद हो सकता है. बस उन्हें कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है. इसके अलावा इस साल मानसून से पहले से ही शुरू हुई बारिश किसान को पर्याप्त पानी मुहैया करवा रही है, ऐसे में किसानों के लिए सीधी बुवाई और डीएसआर विधि से खेती करना भी फायदे मंद हो सकता है.
समय उपयुक्त है, खेतों में बीज डालें
जिले में धान की खेती एक बड़े रकबे में की जाती है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी कहते हैं, शहडोल जिले के पांचों ब्लॉक में बारिश हो चुकी है, उसे देखते हुए ये धान के लिए उपयुक्त समय है और धान हमारे क्षेत्र में 1 लाख 10 हज़ार हेक्टेयर में लगाई जाती है, उसे दृष्टिगत रखते हुए किसान को रोपा के लिए नर्सरी तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए.
सीधी बोवनी, लागत भी कम, उत्पादन भी सही
कृषि वैज्ञानिक पीएन त्रिपाठी कहते हैं, किसान सीधी बोवनी भी कर सकते हैं. अगर आप को सीधी बोवनी करना है तो, 20 से 25 किलो धान प्रति एकड़ के हिसाब से सीधी बोवनी कर सकते हैं. इससे उत्पादन में किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ता है, साथ ही लागत में भी कमी आती है. सीधी बोवनी से तो कम खर्च में अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. आम तौर पर रोपा के लिए नर्सरी तैयार करने से लेकर रोपड़ तक काफी खर्च आ जाता है, लेकिन इस बार सही पानी होने से किसान सीधी बुलाई भी कर सकते हैं.