शहडोल।शास्त्रों के मुताबिक इंसानों को जो स्वप्न आते हैं वो भविष्य के लिए कहीं न कहीं से इंडिकेशन होते हैं. ऐसे में अक्सर आपने लोगों के मुंह से सुना होगा 'सपने में सर्प (सांप) दिखा', जी हां सपने में बार-बार सर्प के आने के मायने भी अलग-अलग होते हैं, (Snake in Dream) आइए ज्योतिषाचार्य सूर्यकांत शुक्ला से जानिए बार-बार सपने में सर्प के आने के क्या मायने हैं और ये शुभ है या अशुभ.
चौथे प्रहर के सपने के हैं खास मायने:ज्योतिषाचार्य सूर्यकांत शुक्ला बताते हैं कि स्वप्न शास्त्र के मुताबिक अगर बात करें तो सपने दो प्रकार के होते हैं एक दिवास्वप्न और एक रात्रि का स्वप्न निशास्वप्न . दिन को देखा जाने वाला स्वप्न दिवास्वप्न कहा जाता है, वहीं निशा स्वप्न मतलब रात्रि को देखा जाने वाला स्वप्न, दोनों में यही अंतर है कि दिवा स्वप्न में सत्य के संकेत नहीं माने जाते हैं, लेकिन रात्रि के स्वप्न में खासकर जो चौथे प्रहर का सपना होता है यानि प्रातः काल और रात्रि के समापन के बीच का सपना, उन सपनों पर ज्योतिष शास्त्र में विशेष तौर पर विचार किया जाता है.
भविष्य के सूचक हैं सपने: स्वप्न शास्त्र या ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सपनों का भी एक विशेष महत्व है, ज्योतिष शास्त्र और स्वप्न शास्त्र में इसका भी एक विशेष स्थान है. स्वप्न शास्त्र में ऐसी मान्यता है कि जो रात्रि के चौथे प्रहर में हमें स्वप्न आते हैं, वह भविष्य की ओर संकेत करते हैं और भविष्य में आने वाली बातों की ओर इंगित करते हैं. शास्त्रों का ऐसा मानना है कि आने वाली परिस्थितियों से अवगत कराने के लिए ही हमारा मन ये जो हमारी आधारभूत शक्तियां हैं, जो हमारे हित के लिए कार्य करती हैं, उन शक्तियों की प्रेरणा से ऐसे सपनों की प्रेरणा मिलती है. इसमें ऐसा भी कहा जाता है कि मानव में 6 इंद्रियों विशेष हैं और इसकी छठी इंद्री जिसे सिक्स सेंस कहा जाता है, वही कभी-कभी सपने के रूप में व्यक्ति को संकेत करती हैं. सपनों का संबंध निश्चित रूप से मानव जीवन में आने वाले समय के लिए ही होता है, सपने भविष्य के सूचक माने जाते हैं.
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सपने में सांप का दिखना, शुभ या अशुभ:ज्योतिष आचार्य सूर्यकांत शुक्ला के मुताबिक अगर सपने में सांप दिखता है तो ये ज्यादातर अशुभ ही माना जाता है, हालांकि कुछ परिस्थियों में शुभ भी हो जाता है. अगर सपने में सांप एक बार दिखता है या भगवान की पूजा के बाद दिखता है तो इसे शुभ मानते हैं क्योंकि भगवान शिव की बहुत लोग आराधना भी करते हैं और जब शिव की आराधना करते हैं, तो वहां सर्प देवता भी विराजित होते हैं. लोग भगवान के साथ-साथ में उनकी भी आराधना करते हैं, सर्प अगर भगवान के साथ दिखे तो वहां शुभ सूचक हो जाते हैं, कहीं अगर अकेले सर्प दिखे सर्प किसी व्यक्ति को दौड़ाता हुआ दिखे, अगर सपने में कोई सर्प से जान बचाकर भाग रहा हो, वहीं सांप का जोड़ा दिख रहा हो, बार-बार फन लेकर डसने का प्रयास कर रहा हो, तो वो संबंधित व्यक्ति के लिए अशुभ संकेत माना जाता है. वहीं अगर स्वप्न में सांप धन के साथ में बैठा हुआ दिखे धन की रक्षा करता हुआ दिखे, तो उसे शुभ संकेत के रूप में माना जाता है.
स्वप्न में सर्प का संबंध है पितरों से: अगर बार-बार हमें स्वप्न में सर्प दिख रहा है तो जातक के जीवन में राहु की दशा खराब मानी जाती है या फिर पितृदोष माना जाता है, या फिर उसमें कालसर्प दोष का समापन होता है. वैदिक वांग्मयी पद्धति की अगर मानें तो स्वप्न शास्त्र में सर्प के द्वारा अगर मनुष्य के लिए भय उत्पन्न किया जाए, मनुष्य के जीवन में तो वो जातक पितृदोष अर्थात उसके जो पूर्वज हैं और वो रुष्ठ हों, ऐसा उनका संकेत माना जाता है.
सपने में सांप का डसना:सपने में अगर सर्प आपको कहीं डसता हुआ नजर आए, तो वह ग्रह नक्षत्रों के बिगड़े होने के संकेत हैं. अगर सांप डसता हुआ हमारे सपने में आता है तो वह बहुत ज्यादा अशुभ माना जाता है.