Sharadiya Navratri 2023: 28 साल बाद नवरात्रि में बन रहा ऐसा संयोग, जानिए 9 दिन 9 देवियों को चढ़ाएं कौन सा पुष्प, जिससे मां होंगी प्रसन्न
15 नवंबर यानि की रविवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. पंडित आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए मां की पूजा-अर्चना और कैसे करें प्रसन्न.
Sharadiya Navratri 2023। आज से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जिसकी तैयारी काफी पहले से लोग कर रहे थे. जगह-जगह देवी मां की प्रतिमा स्थापित करने के लिए लोगों ने विशेष तैयारी कर रखी है. नवरात्रि के इस पावन मौके पर हर कोई अपने-अपने तरीके से माता को प्रसन्न करने के लिए तप और उपवास करते हैं. ऐसे में नवरात्र के 9 दिन में नौ देवियों को कौन सा पुष्प चढ़ाएं, जिससे माता प्रसन्न हो जाएंगी, जानिए ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से.
28 साल बाद बन रहा ऐसा शुभ योग: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि इस बार जो नवरात्रि आ रही है. वो बहुत ही शुभ है, क्योंकि 28 साल बाद ऐसा योग बन रहा है, 15 तारीख से लेकर के पूर्ण नवरात्रि के बीच में पद्मयोग, छद्रयोग, श्रीवस्तह योग, सौम्य योग, स्थिर योग, मातंग योग, अमृत योग और सिद्ध योग बन रहा है. लगातार इस तरह के योग मिलने के कारण ये नवरात्रि बहुत ही शुभ है और जो इस नवरात्रि में व्रत-पूजन या किसी मंदिर में जाकर दर्शन करेंगे तो उनका भाग्य उदय होगा.
9 दिन 9 देवियों को ऐसे पुष्प चढ़ाकर करें प्रसन्न:
प्रतिपदा को प्रथम शैलपुत्री जी हैं. उस दिन लाल फूल चढ़ाकर अगर पूजन अर्चन करें तो शुभ रहेगा.
द्वितीय ब्रह्मचारिणी द्वितीया के दिन स्नान करके सफेद फूल और बेलपत्र चढ़ाये. देवी जी की पूजा पाठ करें तो बहुत पुण्य लाभ मिलेगा.
तीसरे दिन चंद्रघंटा देवी का दिन है. उस दिन लाल, पीला और गुलाबी रंग का फूल चढ़ाएं तो अति उत्तम रहेगा. मां दुर्गा बहुत प्रसन्न होगी और घर में सुख शांति देगी.
चौथे दिन कुष्मांडा देवी की पूजा होगी. उस दिन कुम्हड़े का फूल, लाल फूल या गेंदा का फूल मिल जाए तो इन फूलों को मां के ऊपर चढ़ायें तो बहुत प्रसन्न होंगी.
पांचवें दिन कात्यायनी देवी की पूजा होती है. कात्यायनी देवी की पूजा के लिए कमल का फूल हो या कमल गट्टा हो या गुलाब का फूल हो जो लाल रंग के फूल हों ऐसे फूल चढ़ाने से बड़ा पुण्य लाभ मिलता है.
छठवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. इस दिन सफेद और लाल फूल मिश्रित करके माला बनाकर माता के सामने चढ़ाएं तो बहुत ही पुण्य लाभ मिलता है, मन प्रसन्न होता है.
सातवें दिन कालरात्रि देवी की पूजा होती है. उस दिन रंग-बिरंगे फूल कमलगट्टे का या मखाना का प्रयोग कर मां दुर्गा के ऊपर चढ़ायें, माता बहुत प्रसन्न होती हैं और वरदान भी देती हैं.
अष्टमी के दिन मां काली का दिन होता है. उस दिन जवारा जो बोते हैं, वो जवारा वहां पर चढ़ाऐं, आठवाइन चढ़ाऐं, पूड़ी-हलवा है. चने की दाल,लाल फूल है एक कटोरी में दूध एक कटोरी में पानी भर के रख करके पूजन करें, तो माता प्रसन्न होती है और बहुत पुण्य लाभ मिलता है.
नौवें दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा होती है. उसे दिन अनेकों प्रकार के फूल चढ़ाएं,. फलों में जैसे अनार बहुत ही पसंद है. अनार, सेव, केला और अन्य फल भले न मिले, लेकिन अनार का फल और लाल भाजी वहां पर चढ़ा दें, तो मां बहुत प्रसन्न होती हैं और उस घर में खुशियां ही खुशियां देती हैं.