शहडोल। जिले में नए साल के आगाज के साथ ही मौसम भी पूरी तरह से बिगड़ा हुआ है. आसमान में बादल छाए हुए हैं, घने कोहरे से इलाका डूबा हुआ है, साथ ही गलन वाली ठंड है. ओस की बूंदे गिर रही हैं, कई दिनों से सूरज नहीं निकला है. जिस तरह से लगातार कोहरा गिर रहा है, उससे किसानों के लिए भी दिक्कतें आ सकती हैं(Severe cold in MP bad effect on crops). फसलों पर कई तरह के रोग लग सकते हैं. ऐसे में फसलों पर कीट रोग व्याधि लगने की संभावना बन जाती है. इन सारी परेशानियों को दूर करने का तरीका कृषि वैज्ञानिक से जानिए.
फसलों पर आ सकती है ऐसी दिक्कतें:कृषि वैज्ञानिक बी.के प्रजापति बताते हैं कि, कोहरे के साथ अगर बादल छाए हैं, या विभिन्न प्रकार के हानिकारक कवक लगे हैं वह पौधों पर वृद्धि करने लग जाते हैं. इसकी वजह से उत्पादकता निश्चित रूप से कम होती है. जैसे गेहूं की फसल में रष्ट लगने की समस्या होती है, उसी प्रकार से जो हमारी सरसों की फसल है, उसमें अल्टरनेरिया ब्लाइट लगने का खतरा रहता है(crops hover diseases in Shahdol). अगर हमारे खेत में नमी है और बादल छाए हैं तो जो हमारी दलहनी फसल जैसे चना, मसूर उसमें निश्चित रूप से उकठा की समस्या बहुत ज्यादा देखने को मिलेगी.
ऐसे करें उपाय:कृषि वैज्ञानिक बी.के प्रजापति बताते हैं, हमें सरसों की फसल में अल्टरनेरिया लीफ ब्लाइट पत्तियों में देखने को मिलती है. इसमें जो सरसों की पत्तियां होती हैं वह भूरे रंग की हो जाती है, सूखने लगती हैं और बीच में सफेद हो जाती हैं. इसके नियंत्रण के लिए मैंकोजेब दवा 2 ग्राम 1 लीटर पानी में घोलकर डाल सकते हैं, इसके बाद इसका फसलों पर छिड़काव करना होता है. इसी प्रकार से गेहूं की फसल में रष्ट लगता है, जिससे पत्तियों में पाउडर और पीले रंग की हो जाती है. इसके नियंत्रण के लिए प्रोपीकोना जोल नामक दवा का इस्तेमाल किया जाता है. मैंकोजेब दवा का भी फसल पर छिड़काव करना होता है.