शहडोल l कोरोना के नए वैरिएंट ने दुनियाभर में एक बार फिर चिंता पैदा कर दी है. ओमीक्रॉन वैरिएंट के मामले सामने आने के बाद तीसरी लहर की आशंका जतायी जा रही है (Omicron variant spread fear). इसे देखते हुए मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाके शहडोल में भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तैयारियां तेज़ कर दी गई हैं. शहडोल जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार और सजग है, आपदा प्रबंधन की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. साथ ही लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए अपील भी की जा रही है.
कोरोना को मात देने को तैयार शहडोल मेडिकल कॉलेज
शहडोल मेडिकल कॉलेज ने खासी तैयारी की है. शहडोल मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर का दावा है कि शहडोल मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था अब पहले से ज्यादा दुरुस्त है (Shahdol Medical College ready to beat Corona). इमरजेंसी में कोरोना के मरीजों को भर्ती करने के लिए 20 बेड का आईसीयू अलग से रिजर्व रखा गया है. लैब में हर रोज़ करीब 1400 RT-PCR टेस्ट करने की क्षमता है (Shahdol Medical College hospital capable of handling Corona emergency)
शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था
कोरोना की पिछली दो लहरों के दौरान ऑक्सीजन को लेकर शहडोल मेडिकल कॉलेज भी काफी सुर्खियों में रहा था, ऑक्सीजन की कमी से यहां हाहाकार मच गया था. उससे सबक लेते हुए इस बार शहडोल मेडिकल कॉलेज ने ऑक्सीजन को लेकर ज़्यादा बेहतर व्यवस्था की है (No shortage of oxygen for corona patients). डीन डॉ मिलिंद शिरालकर के मुताबिक पिछली बार जो अधिकतम ऑक्सीजन इस्तेमाल हुआ था उससे 7 दिन का ज्यादा स्टॉक अब रह सकता है, एक पीएसए प्लांट चल रहा है जो वातावरण से ही ऑक्सीजन बनाता है. इसकी क्षमता 250 जम्बो सिलेंडर प्रति दिन भरने की है, ये प्लांट एक हज़ार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनाता है.इसके अलावा 10 हज़ार लीटर का एक LMO प्लांट तैयार है , लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक चालू है. एक 20 हज़ार LMO टैंक आ चुका है. 15 दिन में उसके शुरू होने की उम्मीद है.
मेडिकल कॉलेज का हॉस्पिटल पूरी क्षमता से शुरू
कोरोना को लेकर तो शहडोल मेडिकल कॉलेज पूरी तरह तैयार है. इसके अलावा अब यहां सभी तरह का इलाज शुरू हो चुका है जो कोरोना के कारण शुरू नहीं हो पाया था. अस्पताल अपनी पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर चुका है जिससे आदिवासी इलाके के लोगों को भारी राहत मिली है.