शहडोल। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित शहडोल लोकसभा सीट विंध्य अंचल की अहम सीटों में से एक है. जहां इस बार बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है. दोनों दलों ने यहां महिला सेनापतियों पर दांव लगाया है. खास बात ये है कि इसके पहले ये दोनों प्रत्याशी अपनी विरोधी पार्टियों का नेतृत्व कर रहीं थी, जबकि चुनाव में उसी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. बीजेपी प्रत्याशी हिमाद्री सिंह कांगेस के टिकट पर लोकसभा उपचुनाव लड़ चुकी हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी प्रमिला सिंह बीजेपी विधायक रह चुकी हैं.
शहडोल संसदीय क्षेत्र में पहले कांग्रेस का दबदबा माना जाता था, लेकिन अब यहां बीजेपी की जड़ें मजबूत दिख रही हैं. 1957 के पहले चुनाव से लेकर 2014 तक यहां बीजेपी-कांग्रेस के अलावा किसी और दल का दखल नहीं रहा. यहां अब तक सात बार कांग्रेस जीती है, जबकि पांच बार बीजेपी ने आदिवासी लैंड में भगवा फहराया है.
2014 के चुनाव में बीजेपी के दलपत परस्ते ने कांग्रेस की राजेश नंदिनी सिंह को हराया था. परस्ते के निधन के बाद 2016 में हुए उपचुनाव में भी बीजेपी के ज्ञान सिंह ने कांग्रेस की हिमाद्री सिंह को हराया था, लेकिन इस बार बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद ज्ञान सिंह का टिकट काटकर कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई हिमाद्री सिंह पर दांव लगाया है. हालांकि, 2016 में ही 59 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक से राजेश नंदिनी की भी मौत हो गयी थी.