शहडोल। इस जिले को प्रकृति ने दिल खोलकर सुंदरता बख्शी है. नैसर्गिक सुंदरता से घिरा शहडोल ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद समृद्ध है. यहां की नदियां, पेड़-पौधे, जंगल, पुरातात्विक धरोहरें, अद्भुत और चमत्कारी मंदिर किसी का भी मन मोह लेती हैं, लेकिन आजतक आदिवासी अंचल के इस जिले में किसी ने कोई काम नहीं किया है. अगर इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाए, तो शहडोल का बड़ा नाम होगा.
जिले के समाजसेवी सुशील सिंघल कहते हैं कि शहडोल को कुदरत ने भरपूर सौंदर्य दिया है. यहां के जितने भी दर्शनीय स्थल हैं, अगर उन्हें विकसित कर दिया जाए, तो सरकार को रेवेन्यू तो आएगा ही साथ ही शहडोल का नाम भी देश-विदेश में प्रसिद्ध होगा.
खनिज संपदा के लिए शहडोल पूरे देश में प्रसिद्ध, पर्यटन के क्षेत्र में आज भी खोज रहा अपनी पहचान
शहडोल खनिज संपदाओं के लिए जाना जाता है. यहां कोयला और मीथेन काफी मात्रा में है, लेकिन साथ ही ये पूरा संभाग बेहद खूबसूरत है और यहां कई दर्शनीय स्थल हैं. हालांकि सरकारी उपेक्षा के कारण आज भी शहडोल पर्यटन के क्षेत्र में अपनी जगह ढूंढ रहा है.
पर्यटन में अपनी पहचान को तरसता शहडोल
गौरतलब है कि शहडोल कोयला और मीथेन गैस के लिए तो अपनी खास पहचान रखता ही है, लेकिन ये अंचल पर्यटन स्थल के तौर पर भी अपनी एक खास पहचान भारत के नक्शे में बना सकता है, बस जरूरत है इसे विकसित करने की.