शहडोल। जिले में खरीफ सीजन के धान की फसल (paddy crop in shahdol) लगभग-लगभग अब समाप्ति की ओर है. किसानों के खेत खाली हो चुके हैं. किसान अब रबी सीजन की खेती की तैयारी में जुट चुके हैं, जिसके लिए खाद-बीज के जुगाड़ में लग चुके हैं. इन दिनों शहडोल सहकारी समितियों (Shahdol Cooperative Societies) के बाहर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें खाद के लिए लग रही हैं. आलम यह है कि खाद के लिए किसानों को दो-दो, तीन-तीन, दिन तक लाइन में लगना पड़ रहा है. तब कहीं जाकर उन्हें खाद मिल पा रहा है. आखिर खाद को लेकर जिले में किसानों को इतना संघर्ष क्यों करना पड़ रहा है. देखिए ये रिपोर्ट.
खाद के लिये किसानों का संघर्ष
सहकारी समितियों के बाहर किसान लंबी लाइनों में लगे हुए हैं. यहां कई ऐसे किसान भी हैं जो 2-2 दिन से खाद के लिए आ रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है. हर दिन कुछ न कुछ नई मुसीबत सामने आ रही है. किसान परेशान हैं. उनका कहना है कि अगर वह खाद के लिए इसी तरह संघर्ष करते रहेंगे और हर दिन लाइन में लगे रहेंगे तो खेतों पर काम कौन करेगा. यह हाल जिले एक सहकारी समिति का नहीं है, बल्कि हर सहकारी समिति में इन दिनों किसानों की लंबी लाइनें लग रही हैं.
कभी सर्वर तो कभी कोई और समस्या
किसानों से जब पूछा गया कि जब खाद की उपलब्धता है खाद की कमी नहीं है तो फिर खाद क्यों नहीं मिल पा रहा. इसको लेकर किसानों ने कहा कि सबकी अलग-अलग समस्याएं हैं. कभी सर्वर नहीं चलता तो कभी लंबी लाइन हो जाती है. समय निकल जाता है, जिसके चलते खाद नहीं मिल पा रहा है. फिर जब दूसरे दिन पहुंचते हैं तो फिर लंबी लाइन लगी मिलती है.