शहडोल। जमाना तकनीक का है, टेक्नोलॉजी का है, स्मार्टफोन का है. और अगर इनका सही से इस्तेमाल किया जाए, तो कैसे इससे लाभ कमाया जा सकता है. यह कर दिखाया है आदिवासी बाहुल्य इलाके के रहने वाले किसान रामसजीवन कचेर ने. राम जीवन कचेर शहडोल जिले के करकटी गांव के रहने वाले हैं. जिले में इस किसान को खेती किसानी में नए-नए प्रयोग के लिए जाना जाता है. रामसजीवन कचेर इससे पहले सेव फल और स्ट्रॉबेरी की सफल खेती कर चुके हैं. अब उन्होंने नया प्रयोग किया और एप्पल बेर की सफल खेती कर दिखाया है. उनका मानना है कि अगर सही से एप्पल बेर की खेती की जाए तो बहुत कम जमीन में बहुत कम लागत में इससे लाखों रुपए कमाए जा सकता है. और इसे कहीं भी कोई भी किसान कर सकता है.
यूट्यूब से आईडिया, एप्पल बेर की खेती:शहडोल जिले के करकटी गांव के रहने वाले किसान रामसजीवन कचेर की जिले भर में पहचान है. जिले भर में एक प्रयोग धर्मी किसान के तौर पर वो अपनी पहचान बना चुके हैं. रामसजीवन कचेर कहते हैं, कि ''वह अक्सर यूट्यूब से खेती की नई-नई तकनीक, नई-नई फसलों के बारे में पढ़ते और देखते रहते हैं. यूट्यूब से ही देखकर उन्होंने सेब फल की खेती की थी, जो इतने तापमान के बाद भी सफल रही. स्ट्रॉबेरी की भी खेती किए और अब उन्होंने नया प्रयोग किया है और एप्पल बेर लगाया है.''
एप्पल बेर में जमकर फ्रूटिंग:किसान रामसजीवन ने यूट्यूब से ही देखकर एप्पल बेर की खेती शुरू की थी और इन दिनों एप्पल बेर में जमकर फ्रूटिंग हुई है. जो सुर्खियों में बना हुआ है, जिनकी डिमांड भी बहुत ज्यादा है, और हाथों हाथ बिक भी रहा है. अच्छे दाम भी मिल रहे हैं, जिसे लेकर वह काफी उत्साहित भी है. रामसजीवन कचेर कहते हैं कि ''उन्होंने तो ट्रायल के तौर पर सिर्फ पांच पौधे ही मंगाकर लगाए थे, लेकिन इसकी फ्रुटिंग, कम लागत और इसके डिमांड को देखने के बाद अब उन्होंने अपने खेत में करीब ढाई सौ पौधे नए लगा दिए हैं.''
स्वाद में बेहतर, साइज भी शानदार:किसान राम सजीवन कचेर बताते हैं कि ''एप्पल बेर जो उन्होंने अपने खेत पर लगाया है वो स्वाद में भी बहुत शानदार है. क्योंकि पूरी तरह से जैविक है दूसरा इसकी साइज भी बहुत बेहतर है. 100 से 108 ग्राम के बीच इसकी साइज है. सेव फल से लगभग थोड़ा सा ही छोटा होगा, बाकी उसी की तरह है और फ्रूटिंग भी बहुत ज्यादा हो रही है, जिससे वह काफी उत्साहित हैं.''
कोलकाता से मंगवाए पौधे:किसान रामसजीवन कचेर बताते हैं, कि ''उन्होंने यह नए पौधे यूट्यूब से ही देखकर कांटेक्ट करके मंगवाया है. कई नर्सरी में बात की, और फिर कोलकाता से उन्होंने 260 पौधे नए पौधे मंगवाये और उन्होंने लगभग 1 एकड़ जमीन पर लगाया है. हालांकि इसमें एप्पल बेर के अलावा कुछ नई वैरायटी भी शामिल की हैं. जिसमें कश्मीरी रेड, थाई एप्पल बेर भी लगा है, ग्रीन एप्पल बेर भी लगा है, और एक है विश्व सुंदरी वह छोटा साइज होता है लेकिन मीठा बहुत होता है.''