शहडोल।जिले के कलेक्टर डॉक्टर सत्येंद्र सिंह ने संवेदनशीलता की एक मिसाल कायम की है. जिन्होंने अपने काफिले को रोककर सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त एक महिला की मदद की. इस दौरान उन्होंने पहले उस युवती का अपनी गाड़ी में रखे फर्स्ट एड बॉक्स से प्राथमिक उपचार कराया, उसके बाद बुढ़ार वापस आ रहे सेक्टर ऑफिसर की गाड़ी रुकवाकर उसे तुरंत जिला चिकित्सालय भेजा. जहां युवती का इलाज चल रहा है.
कलेक्टर से काफिला रोककर की मदद
दरअसल, कलेक्टर डॉक्टर सत्येंन्द्र सिंह और जिला एसपी सत्येंन्द्र कुमार शुक्ला बुढ़ार और धनपुरी के क्षेत्रीय भ्रमण पर जा रहे थे. तभी जमुआ के पास हाइवे पर उनकी नजर एक युवती पर पड़ी. जो सड़क में घायल अवस्था में कराह रही थी. जिसे देखते ही कलेक्टर और एसपी ने अपने काफिले को रोक लिया और उसकी मदद की. जानकारी के मुताबिक युवती अपने परिजनों के साथ बुढ़ार से शहडोल के लिए निकली हुई थी. इसी दौरान वो सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई और गंभीर रूप से घायल हो गई. महिला सड़क पर कराहती रही लेकिन उसकी किसी ने मदद नहीं की.
कलेक्टर की हर कोई कर रहा प्रशंसा
सत्येंद्र सिंह के इस कदम से न केवल युवती की जान बच गई बल्कि उन लोगो को एक सीख भी मिल गई, जो किसी की मदद नहीं करते.जिस समय लोग अपने पद के गुरूर में इतना खो जाते हैंं कि उनके लिए की संवेदनाएं मर जाया करती हैं. ऐसे समय में कलेक्टर की इस दरियादिली और संवेदनशीलता की हर ओर प्रशंसा हो रही है. इसके साथ ही लोगों का प्रशासन के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है.