Sawan 2023।सावन का आखिरी सोमवार आज 28 अगस्त को है. सावन का आखिरी सोमवार है, तो शिव भक्त भी मौजूदा साल के सावन के इस आखिरी सोमवार के दिन शिव जी को खुश करने के लिए कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. ऐसे में सावन के आखिरी सोमवार का किस तरह से भक्त सही इस्तेमाल कर सकते हैं, किस विधि विधान से पूजा करें, जिसका पूरा प्रतिफल मिले और वो कौन से पांच ज्योतिष उपाय करें, जिससे इनका भाग्य बदल जाएगा, जानिए ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से.
सावन का आखिरी सोमवार:ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि मौजूदा साल इस बार सावन 59 दिन का था, 59 दिन में 8 सावन सोमवार पड़ रहे हैं, सावन का आखिरी सोमवार 28 अगस्त को पड़ रहा है, और इस बार सावन का आखिरी सोमवार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, इसका काफी महत्व होता है, सावन का ये आखिरी सोमवार क्यों इतना महत्वपूर्ण माना जाता है, अगर पूरे सावन में शिव भक्ति नहीं कर पाए हैं, तो शास्त्रों में लिखा है की अगर शिव की उपासना नहीं कर पाए हैं. सावन में अभिषेक नहीं कर पाए हैं. अगर आप सावन के गुजरे हुए सोमवार में कुछ भी नहीं कर पाए हैं, ना व्रत कर पाए हैं. ना पूजन कर पाए हैं, तो अगर आप इन विशेष उपायों को अपनाकर इन विशेष तरीकों से शिवजी को प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ करते हैं, तो पूरे सावन में आने वाले सोमवार के बराबर ही प्रतिफल मिलता है.
ऐसे करें विशेष पूजा: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि मौजूदा साल सावन के अंतिम सोमवार के दिन पहले तो शंकरजी के मिट्टी की मूर्ति बनाएं, थाली में रखें और शिवजी का आवाहन करें, फिर दूध, गंगाजल, शहद, शक्कर और पंचामृत से स्नान करवाये. भगवान भोलेनाथ को सफेद वस्त्र धारण करवाये, 51 बेलपत्र चढ़ाएं, वहां तीन-तीन दल के 21 या 51 बेलपत्र चढ़ाएं, धतूर मदार का फूल चढ़ाए, वहां पर शिव चालीसा का पाठ और हवन-आरती करें तो शास्त्रों में वर्णित है कि अगर आप सावन के आखिरी सोमवार के दिन ऐसा कर लेते हैं, तो अगर सावन के सारे सोमवार में भी व्रत नहीं कर पाए हैं तो कोई भी बात नहीं है, लेकिन अगर सावन के आखिरी सोमवार में व्रत करके इस विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं तो पूरा प्रतिफल मिलता है. जाने अनजाने में कोई भूल हो जाती है. तो अंतिम सावन के सोमवार के दिन अगर पूजन कर लिया जाए तो सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, प्रायश्चित भी दूर होता है पापों से निपटारा मिलता है.
बेलपत्र अर्पण का महत्व: ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि शिवजी पर जो बेलपत्र चढ़ाया जाता है तो सावन के आखिरी सोमवार को जो बेलपत्र चढ़ाते हैं, तो शास्त्रों में लिखा है कि या तो करोड़ों कन्याओं का विवाह कर दें, या फिर सावन के आखिरी सोमवार के दिन शिवजी के ऊपर बेलपत्र चढ़ा दें तो उसके बराबर ही पुण्य फल मिलता है.
शिव जी को ऐसे करें प्रसन्न: सावन के आखिरी सोमवार के दिन जिन विद्यार्थियों के करियर में रुकावट आ रही है. जिन बालिकाओं का विवाह नहीं हो रहा है, ऐसे लोग शिव जी का विशेष पूजन करें और बेसन का सर्प बनाकर शिव जी के ऊपर अर्पण करें, बेलपत्र में ओम नमः शिवाय लिखकर ऊपर चढ़ा दें तो युवाओं का करियर बनेगा और अविवाहित लड़कियों के विवाह के योग बनेंगे, बाधाएं दूर होंगी और अकाल मृत्यु नहीं होगी.