शहडोल। जिले में ऐसा फाइनेंसियल फ्रॉड सामने आया है, जिसमें पुलिस आरक्षक भी मिला हुआ था. मामला पुलिस द्वारा जब्त गाड़ियों की नीलामी से जुड़ा है. आरोपी ऐसी जब्त गाड़ियों को सस्ते दामों में दिलाने का झांसा देकर अलग-अलग लोगों से 40 लाख रुपए ठग चुके हैं. इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड एक दंपति है. तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. फिलहाल, पुलिस उनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई में जुटी है.
सस्ती दरों में वाहन दिलाने का दिया झांसा :शहडोल जिले के ब्यौहारी थाना पुलिस में बीती 19 फरवरी को भूपेंद्र सोनी और कुछ अन्य लोगों ने मामले में शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि रोहित कुमार सोनी, उसकी पत्नी सुषमा सोनी और सोहागपुर थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक विष्णु बागरी ने उनसे करीब 40 लाख रुपए ऐंठ लिए हैं. आरोपियों ने कहा था कि पुलिस द्वारा जब्त वाहनों की नीलामी होने वाली है. इसमें सेटिंग करके वे सस्ती दरों में अच्छे वाहन दिला सकते हैं. अच्छा सौदा देखकर लोग तैयार हो गए. इसकी ऐवज में आरोपियों ने अलग-अलग लोगों से करीब 40 लाख रुपए ले लिए.
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फर्जी कागज भी बना लिए :आरोपियों ने नीलामी संबंधी फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर लिए थे. जब तय दिनांक को वाहन नहीं मिले तो आवेदक थाने पहुंच गए और नीलामी संबंधी जानकारी जुटाने लगा. उन्हें मालूम चला कि ऐसी किसी भी गाड़ी की कोई नीलामी नहीं की जानी है. यह जानकारी लगते ही आवेदकों ने रोहित सोनी समेत तीनों से अपना पैसा वापस मांगा. उन्हें आश्वासन दिया गया कि 1 माह के भीतर पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा. सात-आठ माह बीत जाने के बाद भी जब पैसा वापस नहीं मिला तो पीड़ितों ने ब्यौहारी थाने में शिकायत की.
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दंपति के बैंक खाते में गए पैसे :एसपी कुमार प्रतीक ने कहा, 'यह फाइनेंसियल फ्रॉड का प्रकरण है. तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मुख्य आरोपी पति-पत्नी ने इस पूरे फ्रॉड को अंजाम दिया है. पैसे भी इनके बैंक अकाउंट में गए हैं. तीसरे आरोपी आरक्षक विष्णु बागरी ने थाने में खड़ी गाड़ियां दिखाने का काम किया है. उसके खाते में किसी तरह के ट्रांजेक्शन की जानकारी नहीं मिली है. जांच जारी है.'