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Shahdol Plastic Rice: ग्रामीणों के आरोप से मचा हडकंप, बोले- PDS दुकानों पर मिल रहा प्लास्टिक का चावल, जानिए क्या है सच्चाई

शहडोल जिले के ग्रामीणों का आरोप है कि पीडीएस दुकानों में उन्हें प्लास्टिक का चावल वितरित किया जा रहा है, जिसे लेकर अब जिला खाद्य नियंत्रक अधिकारी कमलेश तांडेकर ने प्रतिक्रिया दी है. आइए जानते हैं क्या है प्लास्टिक चावल की सच्चाई. (Shahdol Plastic Rice)(plastic rice found in Shahdol PDS shops)

plastic rice found in Shahdol PDS shops
शहडोल पीडीएस दुकानों पर मिल रहा प्लास्टिक का चावल

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Published : Jul 27, 2022, 7:41 PM IST

शहडोल। जिले के गांव-मोहल्ले से जब आप गुजरेंगे तो इन दिनों यह बात लोगों के बीच काफी सुर्खियों में चल रही है कि पीडीएस दुकानों से जो चावल इस बार लोगों को वितरित किया गया है उसमें प्लास्टिक का चावल मिला हुआ है. दरअसल शहडोल के सोहागपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सारंगपुर में ग्रामीण काफी चिंतित हैं, क्योंकि इस महीने राशन दुकान से जो चावल वितरण किया गया है उस राशन में मिलावटी चावल की बात सामने आ रही है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जो चावल दिया गया है, उसमें अधिकांश चावल प्लास्टिक का है.(Shahdol Plastic Rice)(plastic rice found in Shahdol PDS shops)

शहडोल पीडीएस दुकानों पर मिल रहा प्लास्टिक का चावल, जानिए सच्चाई

पानी के ऊपर तैरता है चावल: ग्रामीणों का कहना है कि, "जब वह इस चावल को पकाते हैं तो जो सही चावल है वह तो आसानी से पक जाता है, लेकिन नकली चावल पकता ही नहीं है. जब चावल को पानी में डालते हैं तो प्लास्टिक वाला चावल ऊपर ही रह जाता है. हमें डर है कि कहीं इस चावल को खाने से हमें कोई बीमारी ना हो जाए." मामले में अब ग्रामीण मिलावटी चावल को दिखा कर प्रशासन से जांच की मांग भी कर रहे हैं, साथ ही चावल को लेने से बच रहे हैं.

आखिर क्या है सच्चाई:पीडीएस दुकानों से मिलावटी चावल और वो भी प्लास्टिक वाले चावल का वितरण करना, यह बहुत गंभीर आरोप है. ऐसे में आखिर इसके पीछे की सच्चाई क्या है, यह किस तरह का चावल है और इस बार शासन की राशन दुकानों में इस चावल को क्यों दिया जा रहा है, इसे जानने के लिए जब ईटीवी भारतने जिला खाद्य नियंत्रक अधिकारी कमलेश तांडेकर से बात की तो उन्होंने बताया कि, "इस बार जिले में जुलाई के महीने में शासन के निर्णय अनुसार हितग्राहियों को फोर्टीफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है, यह फोर्टीफाइड चावल पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें विटामिन 12 फोलिक एसिड और आयरन होता है, करनाल का एक प्रतिशत चावल को हंड्रेड प्रतिशत सामान्य चावल में मिलाकर इसे बनाया जाता है और फिर यह राशन दुकानों में भेजा जाता है. इसे आप उपयोग करें, इसे अलग नहीं करें, इसे अच्छे से पकाएं और तब खाएं. यह एनीमिया और कुपोषण जैसी बीमारियों में बहुत लाभदायक है, इसमें भी पोषक तत्वों की भरमार होती है."

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फोर्टिफाइड नमक का भी किया जा रहा वितरण:कमलेश तांडेकर ने ये भी कहा कि, "इसी तरह राशन दुकानों से फोर्टिफाइड नमक भी दिया जा रहा है, इसे खाना पकने के बाद ही उसमें डालें, जिससे भोजन काला ना हो. इसे अच्छे से डिब्बे में बंद करके रखें, जिससे ये काला न हो."

प्रशासन को दूर करना होगा ग्रामीणों का भ्रम: फिलहाल एक ओर जहां ग्रामीणों के बीच में फोर्टीफाइड चावल को लेकर भ्रम फैला हुआ है, लोग इसे प्लास्टिक का चावल समझ रहे हैं और इसे खाने से बच रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर जिला खाद्य नियंत्रक अधिकारी कमलेश तांडेकर बताते हैं कि यह चावल फोर्टीफाइड चावल है, जो सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है. फिलहाल जो भी हो इस चावल को लेकर ग्रामीणों के इस भ्रम को शासन प्रशासन को जल्द से जल्द दूर करना होगा, जिससे इस फोर्टिफाइड चावल को लेकर ग्रामीणों का भ्रम दूर हो सके.

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