शहडोल। जिले में कोरोना का कहर लगातार देखने को मिला है. अगस्त और सितंबर के महीने में तो इसका रौद्र रूप दिखा. इस दौरान हर दिन औसत 80 से 90 मरीज कोरोना संक्रमित मिल रहे थे. हलांकि अक्टूबर महीने में अब तक कोरोना मरीजों के मिलने के आंकड़ों में कमी आई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं की आम नागरिक अपनी जिम्मेदारी भूल जाए. संस्थान और दुकान अपनी जिम्मेदारी भूल जाएं और जल्दबाजी में कोरोना को आमंत्रण दें.
लोगों में नहीं है कोरोना महामारी का डर, लगातार उड़ा रहे सोशल डिस्टेंस की धज्जियां - शहडोल सोशल डिस्टेंस उल्लंघन
शहडोल में बैंक के सामने लोगों की भीड़ इकठ्ठी है. लोग एक दूसरे से सटे हुए खड़े नजर आते हैं. शासन-प्रशासन पिछले कई महीने से लगातार समझाइश दे रही है कि जब तक कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं आती. तब तक कोरोना से बचाव ही सबसे बड़ी वैक्सीन है. फिर भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं.
जिला मुख्यालय के सामने बैंक के सामने लोगों की भीड़ इकठ्ठी है. लोग एक दूसरे से सटे हुए खड़े नजर आते हैं. शासन-प्रशासन पिछले कई महीने से लगातार समझाइश दे रही है कि जब तक कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं आती. तब तक कोरोना से बचाव ही सबसे बड़ी वैक्सीन है. फिर भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं. बैंकों के अंदर लोगों को टेम्परेचर चेककर और सेनेटाइजर लगाकर भेजा जा रहा है. लेकिन लोगों खुद से कोई सावधानी नहीं बरत रहे हैं.
जिले में अब तक कोरोना के 2 205 केस आ चुके हैं, जिसमें से 1980 लोग ठीक हो चुके हैं, वहीं 200 लोग अभी भी अपना इलाज करा रहे हैं. अगस्त और सितंबर के महीने में जिस तरह से जिले में कोरोना बम फूटा था, उस तरह तो हर दिन औसत 80 से 90 मरीज आ रहे थे. हालांकि अक्टूबर महीने में यह संख्या घटी है और अब 20 से कम ही मरीज हर दिन मिल रहे हैं.