शहडोल। कोरोना काल (corona period) में शहडोल जिले में भी महामारी का तांडव देखने को मिला था, जिले में ऑक्सीजन की कमी भी देखने को मिली और ऑक्सीजन की कमी की वजह से किस तरह से हाहाकार मचा था उसे भी सब ने देखा. जिसके बाद शहडोल जिले में भी ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen plant) लगाने की घोषणा की गई. जिला चिकित्सालय में एक नहीं बल्कि दो-दो ऑक्सीजन प्लांट लगने थे, लेकिन अभी भी जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट से वार्डों में ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है.
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जिला अस्पताल में लगने हैं दो ऑक्सीजन प्लांट
शहडोल जिला अस्पताल (Shahdol district hospital) में दो ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं, जिसमें से एक ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार है. जिसका शुभारंभ 17 सितंबर को मंत्री रामखेलावन पटेल ने किया. लेकिन उद्घाटन के दो महीने बाद भी इस प्लांट से वार्ड तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पा रहा है. दरअसल पीएम केयर फंड से 71 लाख की लागत से 1000 एलपीएम के पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगना था, जो पूरी तरह से लगकर तैयार भी है और जिला हॉस्पिटल के वार्डों में पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई की तैयारी है. इसके लिए वार्डों में लगभग 240 पॉइंट भी बनाए गए हैं, लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है.
आ गई मशीन, इंजीनियर का है इंतजार
इसके अलावा शहडोल जिला अस्पताल में 570 एलपीएम का एक और ऑक्सीजन प्लांट लगना था, जिसके लिए हॉस्पिटल के पीछे की तरफ काफी पहले प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया था और अब मशीनें भी आ गई हैं, लेकिन अब तक यह सेट नहीं हो सकी हैं, मशीनें उस प्लेटफार्म में केवल रखी हुई हैं. अब बस इन्हें सेट करने का इंतजार है.
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नहीं मिला ऑक्सीजन प्योरिटी सर्टिफिकेट (Oxygen Purity Certificate)
वही जब ऑक्सीजन प्लांट के बारे में शहडोल जिला अस्पताल (Shahdol district hospital) के सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार ने बताया कि एक ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen plant) तो कंप्लीट है, लेकिन उसके सैंपल की रिपोर्ट अबतक नहीं मिल पाई है. दरअसल ऑक्सीजन जो बन रही है उसके सैंपल का टेस्ट होता है, जिसमें ये जांच होती है कि इस ऑक्सीजन को देने से मरीज को किसी तरह का कोई खतरा या नुकसान तो नहीं है. कंपनी टेस्ट का सैम्पल भी ले गई है लेकिन अबतक इसका ऑक्सीजन प्योरिटी सर्टिफिकेट (Oxygen Purity Certificate) नहीं दिया गया है. जिसके चलते इसे अभी शुरू नहीं किया गया है. वहीं जो एक और ऑक्सीजन प्लांट लगना है उसके लिए सेट भी बनकर तैयार है, मशीनें भी आ गई है लेकिन इसे लगाने के लिए इंजीनियर का इंतजार है.