शहडोल। अभी हाल ही में शहडोल जिले के अंतिम छोर से लगे बाणसागर डैम का दौरा जिले के नए कमिश्नर ने निरीक्षण किया. जहां निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने अधिकारियों से डैम का पानी भराव क्षमता और विद्युत उत्पादन इकाई के बारे में जानकारी ली, साथ ही बाणसागर डौम में मत्स्य उत्पादन गतिविधियों के संबंध में भी जानकारी ली.
मुछआरों की कमी, मत्स्य आखेट में दिक्कत
कमिश्नर को मत्स्य महासंघ के अधिकारियों ने बताया कि बाणसागर डैम में मत्स्य उत्पादन की गतिविधियां लगातार जारी हैं. हर साल लगभग 30 करोड रुपए मत्स्य उत्पादन से शासन को राजस्व हासिल होता है. बाणसागर डैम की मछलियां गुवाहाटी, सिलीगुड़ी, हावड़ा आदि शहरों को भेजी जाती हैं. मत्स्य अधिकारी ने बताया कि मछुआरों की कमी के चलते बाणसागर डैम में मत्स्य आखेट अभी नहीं हो पा रहा है, उन्होंने बताया कि लगभग 1500 मत्स्य आखेट करने वाले मछुआरों की बाणसागर डैम क्षेत्र में आवश्यकता है.